भारत के निजी क्षेत्र के बैंक और विदेशी बैंकों की पूर्ण मालिकाना वाली इकाइयां अपने बोर्ड में दूसरे पूर्णकालिक निदेशक (डब्ल्यूटीडी) की नियुक्ति के लिए बैंकिंग नियामक की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। इन बैंकों को नियामक ने दूसरे डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति का निर्देश दिया था।
आधे दर्जन से ज्यादा बैंकों के बोर्ड में सिर्फ एक पूर्णकालिक निदेशक- एमडी और सीईओ थे, जब नियामक ने पिछले साल अक्टूबर में उनसे दूसरे डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति को कहा था।
रिजर्व बैंक की ओर से 25 अक्टूबर 2023 को जारी अधिसूचना में बैंकों को अपने बोर्ड में एमडी और सीईओ सहित कम से कम 2 पूर्णकालिक निदेशकों (डब्ल्यूटीडी) की नियुक्ति करने की सलाह दी थी। बैंकों से 4 महीने के भीतर दूसरे डब्ल्यूटीडी के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा गया था।
इसके साथ ही जिन बैंकों में डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति के बारे में पहले से प्रावधान नहीं था, उनसे आवश्यक मंजूरी लेने को कहा गया था, जिससे वे रिजर्व बैंक के इन दिशानिर्देशों का अनुपालन कर सकें।
धनलक्ष्मी बैंक और तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक दो ऐसे बैंक हैं, जिन्हें पहले अपने आर्टिकल आफ एसोसिएशन में संशोधन करना पड़ेगा, उसके बाद ही वे डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति के लिए नियामक के पास नाम का प्रस्ताव भेज सकेंगे।
सूत्रों ने कहा कि इन बैंकों को दूसरे डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति के लिए नियामक के पास अपने प्रस्ताव भेजने के लिए और वक्त की जरूरत होगी। इन दोनों बैंकों में सीईओ ने या तो इस्तीफा दे दिया है, या उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन नियामक ने उन्हें बैंक के प्रमुख के रूप में काम जारी रखने को कहा है क्योंकि वे बोर्ड के एकमात्र पूर्णकालिक निदेशक हैं।
धनलक्ष्मी ने पिछले महीने एक्सचेंज को सूचित किया था, ‘उत्तराधिकारी के पदभार संभालने तक के लिए रिजर्व बैंक ने बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ जेके शिवन का कार्यकाल बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।’ साथ ही बैंक ने यह जानकारी भी दी है कि उसने नियामक की मंजूरी के लिए नए एमडी और सीईओ के अभ्यर्थियों का नाम भेज दिया है।
एक सूत्र ने कहा, ‘बैंक ने दूसरे डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति के लिए 6 महीने का वक्त मांगा है। हमें अब तक एमडी के लिए भी मंजूरी नहीं मिली है। दूसरे डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति में अभी वक्त लगेगा।’
बैंक अभी आर्टिकल आफ एसोसिएशन में संशोधन की प्रक्रिया में हैं। सामान्यतया बैंक को पहले बोर्ड की और उसके बाद रिजर्व बैंक की मंजूरी लेनी होती है। नियामक की मंजूरी के बाद दूसरे डब्ल्यूटीडी के लिए बैंक को शेयरधारकों से मंजूरी लेनी होगी।
टीएमबी ने भी नए सीईओ के लिए नाम भेजा है और रिजर्व बैंक से मंजूरी का इंतजार कर रहा है। अन्य बैंकों में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, सिटी यूनियन बैंक, सीएसबी बैंक, साउथ इंडियन बैंक, करूर वैश्य बैंक ने पहले ही दूसरे डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति के लिए रिजर्व बैंक के पास अपने प्रस्ताव भेज दिए हैं।
सिटी यूनियन बैंक के एमडी और सीईओ एन कामाकोडि ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने आर्टिकल आफ एसोसिएशन में संशोधन किया है, जिससे नियामक निर्देशों का पालन किया जा सके।’
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में कहा, ‘हां, हमारे बैंक ने पूर्णकालिक सदस्य के लिए रिजर्व बैंक को प्रदीप नटराजन के नाम की सिफारिश की है। हमें अभी नियामक से मंजूरी नहीं मिली है।’
डीसीबी बैंक को अभी हाल ही में नए सीईओ की नियुक्ति के लिए मंजूरी मिली है, जिसने दूसरे डब्ल्यूटीडी के लिए आवेदन को लेकर कुछ भी कहने से इनकार किया।
वहीं स्टेट बैंक आफ मॉरिशस की मालिकाना वाली इकाई एसबीएम बैंक इंडिया को नए सीईओ के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है और बैंक में दूसरा डब्ल्यूटीडी नहीं है। बैंक ने इस मसले पर मांगी गई जानकारी पर कोई जवाब नहीं दिया।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल नवंबर में इंडसइंड बैंक में दूसरे डब्ल्यूटीडी के लिए अरुण खुराना के नाम को मंजूरी दी थी।