चूंकि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म पर करीब आधे लेनदेन छोटी वैल्यू के होते हैं, इसलिए आरबीआई ने उन्हें यूपीआई ऐप में ‘ऑन-डिवाइस’ वॉलेट के जरिये सक्षम बनाने पर जोर दिया है जिससे कि बैंकिंग व्यवस्था पर बोझ कुछ हद तक घटाया जा सके और ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया भी आसान बन सके। आरबीआई ने यह भी कहा है कि वह उन फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन शुरू करेगा, जिनकी तादाद करीब 44 करोड़ से ज्यादा है, क्योंकि उनकी नई भुगतान प्रणालियों तक पहुंच अभी भी सीमित बनी हुई है और मौजूदा प्रणालियां उनके लिए पूरी तरह कारगर नहीं हुई हैं।
आरबीआई के अनुसार, यूपीआई के जरिये 50 प्रतिशत लेनदेन 200 रुपये से कम के थे और इन कम वैल्यू के ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल बैंकिंग सिस्टम की क्षमता और संसाधन के उपयोग पर आधारित था जिससे ग्राहकों को कनेक्टिविटी से संबंधित समस्या के कारण ट्रांजेक्शन विफल होने से असुविधा का सामना करना पड़ा।
आरबीआई ने कहा है, ‘इसलिए यूपीआई ऐप में छोटी वैल्यू के ट्रांजेक्शन ‘ऑन-डिवाइस’ वॉलेट के जरिये कर प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। यह ऐप उपयोगकर्ता के लिए ट्रांजेक्शन अनुभव में कोई बदलाव किए बगैर बैंकों के व्यवस्थागत संसाधनों को सुरक्षित बनाए रखेगा।’
सूत्रों ने कहा कि यह वॉलेट फीचर 200 रुपये या इससे कम वैल्यू के ट्रांजेक्शन के लिए होगा, क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य बैंकिंग व्यवस्था को इतने छोटे लेनदेन में अव्यवस्था पैदा करना नहीं है। ग्राहक जो राशि वॉलेट में रख सकेंगे, वह करीब 2,000 रुपये क सीमित होगी। इसके अलावा छोटे लेनदेन नकदी इस्तेमाल से संबंधित होंगे, जिससे कि यूपीआई प्लेटफॉर्म पर इन लेनदेन को करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
यह वॉलेट फीचर उपभोक्ताओं के लिए सभी यूपीआई ऐप पर उपलब्ध होगा और इसमें कई विकल्प होंगे और वे ऐसे लेनदेन करने के लिए अपने पसंद के प्लेटफॉर्म चुन सकेंगे। यूपीआई इस्तेमाल कर रहे ग्राहकों के बैंक खाते पहले से ही जुड़े हुए होंगे, जिससे कि गा्रहकों के पास इस वॉलेट में कुछ पैसा रखा रहे, जिसे वे यूपीआई के जरिये स्थानांतरित कर सकें, और फिर इसका इस्तेमाल लेनदेन करने में किया जा सके।
रिटेल डिजिटल भुगतान के लिए मुख्य संगठन एनपीसीआई के मुख्य कार्याधिकारी ने टि्वटर पर कहा, ‘कम या छोटे आकार के ऑफलाइन लेनदेन एक दिन की एक अरब भुगतान बिक्री के आकार का एकमात्र विकल्प है। यह शानदार उपयोगकर्ता अनुभव मुहैया कराएगा, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह आसान है।’
पेटीएम, फोनपे, मोबीक्विक आदि जैसी कई भुगतान कंपनियों के स्वयं के वॉलेट हैं, लेकिन विश्लेषकों की राय है कि यूपीआई वॉलेट इस तरह की मौजूदा कंपनियों के कारोबार को प्रभावित नहीं करेगा।
