जीवन बीमा और प्रॉपर्टी सर्विस के बाद साढ़े चार अरब डालर यानी 180 अरब रुपये की परिसंपत्ति वाली कंपनी ओल्ड म्युचुअल की भारत में प्रॉपर्टी फंड के जरिए खुदरा रियल एस्टेट संपत्ति में प्रवेश करने की योजना है। इसकी दक्षिण अफ्रीका स्थिति प्रॉपर्टी शाखा ओल्ड म्युचुअल इंवेस्टमेंट गु्रप प्रॉपर्टी इंवेस्टमेंट और मुंबई स्थित आईसीएस रियलटी ने मिलकर 50 करोड़ डालर का एक प्रॉपर्टी फंड बनाया है जो 31 मार्च को बंद हो रहा है। ट्राईएंगल इंडिया रियल एस्टेट फंड नाम का यह फंड यूरोप,मध्य पूर्व और दक्षिण अफ्रीका के बडे वैयक्तिक निवेशकों और संस्थागत निवेशकों पर गौर कर रहा है। प्रॉपर्टी जोन के निदेशक और फंड सलाहकार दीप कांटावाला का कहना है कि हम 20 से 30 फीसदी की वापसी को लक्ष्य बनाकर चल रहे हैं। फंड की समय सीमा अवधि आठ साल है और इसमें समय सीमा दो साल बढ़ाने का विकल्प है। यद्यपि फंड को रिटेल, व्यावसायिक और हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र में निवेश करना है लेकिन 60 फीसदी निवेश रिटेल क्षेत्र में होगा ताकि भारत में बढ़ते रिटेल क्षेत्र से फायदा कमाया जा सके। कांटावाला का कहना है कि भारत में रिटेल सेक्टर में बहुत अच्छी संभावनाएं है और इस फंड के प्रेरक भी इस क्षेत्र में निवेश के इच्छुक हैं। खुदरा क्षेत्र की सलाहकार कंपनी टेक्नोपार्क के अनुसार भारतीय खुदरा बाजार के 2012 तक 69 फीसदी बढ़कर 590 अरब डालर यानी 24000 अरब रुपये तक पहुंचने के आसार है। इसमें संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी के 16.44 फीसदी बढ़कर 97 अरब डालर यानी करीब 4000 अरब रुपपये तक पहुंचने के आसार है जिसकी हिस्सेदारी अभी मात्र 3.43 फीसदी है। टेक्नोपार्क के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगले चार सालों में मॉल निर्माण के लिये 2800 करोड़ वर्ग फुट जगह की आवश्यकता होगी जबकि सिर्फ 800 करोड़ वर्ग फुट की जगह की हमें उम्मीद है। इंडियन वेंचर कैपिटल जर्नल के अनुसार अगले दो सालों में निजी इक्विटी फंड में से 30 फीसदी तक निवेश की रिटेल सेक्टर में ही होने की आशा है। सिंगापुर के मॉल डेवलपर कैपिटललैंड और 350 करोड़ की परिसंपत्ति वाले क्षितिज वेंचर कैपिटल फंड और पैंटालून रिटेल के संयुक्त उपक्रम की देश भर में 50 मॉल बनाने की योजना है। प्रोजोन जो प्रोवोग की रिटेल शाखा है,की अमेरिकी लिबर्टी इंटरनेशनल के साथ संयुक्त उपक्रम बनाकर देश के दूसरे दर्जे के शहरों में 12 मॉल बनाएगी।
ओल्ड म्युचुअल प्रापर्टीज पूरी दुनिया में 4500 टीनैंट के साथ 68 मॉल का प्रबंधन करती है और इसका कारोबार अफ्रीका,मध्य एवं पूर्व यूरोप और मध्य पूर्व में फैला हुआ है।
ओल्ड म्युचुअल प्रॉपर्टी ने आईसीएस रियलटी के साथ पॉयोनियर प्रॉपर्टी जोन का निर्माण भी किया है जो शॉपिग सेंटर का प्रबंधन और प्रॉपर्टी को विकसित करने का काम करती है। गौरतलब है कि आईसीएस रियलटी आईसीएस ग्रुप का हिस्सा है जिसे दीपक प्रेमनारायण और सुभाष थकरार संभालते हैं।
पायनियर प्रापर्टीज के सलाहकार इयान वॉट का कहना है कि जब उन्होंने निवेश का विचार बनाया तब उन्हें एक भी ऐसी खुदरा संपत्ति नहीं मिली जिसमें निवेश किया जा सके। इसलिए हमनें प्रापर्टी प्रबंधन फर्म बनाने पर विचार किया ताकि अच्छी खुदरा परिसंपत्ति को खोजा जा सके और उसमें निवेश किया जा सके।
इसके अतिरिक्त आईसीएस के अन्य अंतराष्टीय कंपनियों के साथ गठजोड़ भी है जिसमें दक्षिण अफ्रीका की इंटरटोल है। आस्ट्रेलिया के इंटरपार्क के साथ आईसीएस का कार पार्किंग सर्विस मुहैया कराने का गठजोड़ है। आईसीएस ने अफ्रीकन कंपनी बेंटल एसोसिएट के साथ बेंटल एसोसिएट रियलिटी डिजाइन कंसलटैंट का निर्माण किया है जोकि रिटेल आर्कीटेक्चर सेवाएं मुहैया कराएगी।
ओल्ड म्युचुअल की जीवन बीमा कंपनी कोटक महिंद्रा ओल्ड म्युचुअल लाइफ इंश्योरेंस में 26 फीसदी की हिस्सेदारी भी है।
