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निजी बैंकों के नए क्रेडिट कार्डों पर होगा असर

Last Updated- December 12, 2022 | 2:41 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मास्टरकार्ड पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद निजी बैंकों ने अन्य कार्ड नेटवर्कों की ओर जाना शुरू कर दिया है। हालांकि इस बदलाव के दौरान नए कार्ड जारी करने, खासकर क्रेडिट कार्डों पर असर पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने स्थानीय डेटा भंडारण दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण मास्टरकार्ड पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिजर्व बैंक की ओर से मास्टरकार्ड पर प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ घंटों बाद निजी क्षेत्र के कर्जदाता आरबीएल बैंक ने एक अधिसूचना में सूचित किया कि वह वीसा के साथ समझौते कर रहा है। आरबीएल 5वां सबसे बड़ा कार्ड जारी करने वाला बैंक है। बैंक उम्मीद कर रहा है कि वह तकनीक में एकीकरण के बाद वीसा पेमेंट नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करना शुरू कर देगा, जिसमें 8 से 10 सप्ताह लग सकते हैं। 
 
एक अन्य निजी बैंक, जिसने क्रेडिट कार्ड जारी करने को लेकर मास्टरकार्ड से एक्सक्लूसिव समझौता किया है, ने बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों के जवाब में कहा, ‘नए क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए हम बाधारहित लेनदेन के साथ अन्य प्लेटफॉर्मों पर जाने की स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं।’ क्रेडिट कार्ड के लिए वीसा प्लेटफॉर्म पर जाने को लेकर आरबीएल बैंक सावधानी बरत रहा है, जो हर महीने 1,00,000 नए क्रेडिट कार्ड जारी करता है। रिजर्व बैंक की ओर से मास्टरकार्ड को लेकर कुछ स्पष्टता आने  या वीसा के साथ तकनीकी एकीकरण पूरा होने तक इसका नए कार्ड जारी करने का कामकाज प्रभावित हो सकता है। 
 
विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत हैं कि कार्ड जारी करने के बाजार पर असर पड़ सकता है। खासकर उस समय जब निजी बैंक अन्य कार्ड भुगतान नेटवर्क पर जाएंगे। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उनका मास्टरकार्ड जारी करने का अनुपात क्या है। इस अवधि के दौरान अन्य आमदनी पर भी थोड़ा असर पड़ सकता है। दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वे रुपे नेटवर्क पर कार्ड बढ़ा रहे हैं, जो भारत का स्वदेशी कार्ड भुगतान नेटवर्क है। 
 
मैक्क्वायर कैपिटल सिक्योरिटीज के एसोसिएट डायरेक्टर सुरेश गणपति ने कहा, ‘कुछ महीने से क्रेडिट काजर्ड जारी होने कम होंगे, यह इस पर निर्भर करेगा कि कौन कितने अनुपात में मास्टरकार्ड जारी करता है। डेबिट कार्ड जारी करने की रफ्तार भी सुस्त हो सकती है। मांग प्रभावित नहीं होने जा रही है, यह आपूर्ति से जुड़ा मसला है। ऐसे में आने वाली तिमाहियों में आपूर्ति से जुड़े मसले से निपटा जा सकता है।’ नोमुरा के मुताबिक आरबीएल बैंक, येस बैंक और बजाज फिनसर्व ऐसे बैंक हैं, जो सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे क्योंकि इनकी सभी कार्ड योजनाएं मास्टरकार्ड से जुड़ी हैं। एचडीएफसी बैंक की कार्ड योजनाओं में 60 प्रतिशत हिस्सा मास्टरकार्ड, एमेक्स ऐंड दिनर्स का है। वहीं ऐक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में इसकी हिस्सेदारी करीब 35 से 36 प्रतिशत है।  अन्य बैंकों ने कई कार्ड नेटवर्कों के साथ समझौता किया है, जो उनके कार्ड के प्रकार पर निर्भर है। 
 
उदाहरण के लिए आरबीएल बैंक ने क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए मास्टरकार्ड से समझौता किया है, लेकिन डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड मास्टरकार्ड नेटवर्क के अलावा अन्य भुगतान नेटवर्कों पर भी सक्षम हैं। इसी तरह येस बैंक ने कहा कि उसके डेबिडकार्ड वीसा और रुपे प्लेटफॉर्मों पर भी हैं और नए कार्ड जारी करने पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 
 

First Published - July 16, 2021 | 6:11 PM IST

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