अक्टूबर में खराब प्रदर्शन के बाद जीवन बीमा कंपनियों के नए कारोबार के प्रीमियम (एनबीपी) में शानदार वृद्धि दर्ज हुई है, जिसे निजी बीमा कंपनियों और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) दोनों के ही लिहाज से सामूहिक एकल प्रीमियम में मजबूत वृद्धि से मदद मिली है। नवंबर में 24 जीवन बीमा कंपनियों ने 27,177 करोड़ रुपये का नए कारोबार का प्रीमियम दर्ज किया, जोएक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले सालाना आधार पर 42 प्रतिशत अधिक है।
निजी बीमा कंपनियों का एनबीपी सालाना आधार पर 58.63 प्रतिशत बढ़कर 11,209.75 करोड़ रुपये हो गया, क्योंकि इस अवधि के दौरान सामूहिक एकल प्रीमियम दोगुने से भी अधिक हो गया। निजी कंपनियों के व्यक्तिगत एकल प्रीमियम में 32.5 प्रतिशत तक का इजाफा नजर आया, जबकि व्यक्तिगत एकल प्रीमियम के साथ-साथ नवीकरणीय प्रीमियम में इसी अवधि के दौरान अच्छी वृद्धि दर्ज हुई।
एनबीपी किसी विशेष वर्ष में नई पॉलिसियों से प्राप्त होने वाला प्रीमियम होता है। सरकारी स्वामित्व वाली दिग्गज बीमा कंपनी एलआईसी ने भी पिछले कुछ महीनों में सुस्त प्रदर्शन के बाद इस अवधि के दौरान एनबीपी में 32 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की है। एलआईसी ने 15,967.51 करोड़ रुपये का एनबीपी दर्ज किया है।
बड़ी निजी कंपनियों में से एसबीआई लाइफ के एनबीपी में सालाना आधार पर 150 प्रतिशत की असाधारण वृद्धि देखी गई है, जबकि एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ और मैक्स लाइफ जैसी अन्य बड़ी कंपनियों ने एनबीपी में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है।
एलआईसी अब भी एनबीपी के मामले में 63 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी और जहां तक पॉलिसियों की संख्या का संबंध है, 71.84 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ आगे है। वार्षिक प्रीमियम समतुल्य आधार (एपीई) के आधार पर नवंबर में उद्योग में पिछले साल के मुकाबले 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सालाना आधार पर एलआईसी की 22 प्रतिशत वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।
इंडियाफस्र्ट लाइफ इंश्योरेंस के उप मुख्य कार्याधिकारी रुषभ गांधी ने कहा कि जोरदार टीकाकरण अभियान के साथ कोविड-19 में लगातार कमी आने से अर्थव्यवस्था सक्रिय हो रही है। लोगों के बीच जीवन की सुनिश्चितता सुरक्षित करने की दिशा में बीमे के संबंध में बढ़ती रुचि और जागरूकता से भी विकास में सहायता मिल रही है।
चालू वित्त वर्ष (2021-22 या वित्त वर्ष 22) में अब तक जीवन बीमा कंपनियों ने 1.8 लाख करोड़ रुपये का एनबीपी दर्ज किया है, जो कि एक साल पहले की अवधि के मुकाबले सालाना आधार पर 8.5 प्रतिशत अधिक है। इसमें निजी बीमा कंपनियों ने 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। लेकिन एलआईसी का एनबीपी कुछ हद तक लाल निशान में रहा है। वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान एलआईसी ने 1.14 लाख करोड़ रुपये का एनबीपी दर्ज किया है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में सालाना आधार पर 0.93 प्रतिशत कम है।
