सर्वोच्च न्यायालय ने आज राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के उस फैसले को निरस्त कर दिया है जिसमें आयोग ने क्रेडिट कार्ड के ऊपर लगने वाले ब्याज दर की सीमा 30 फीसदी तय की थी।
नए आदेश के अनुसार बैंक अब क्रेडिट कार्ड पर 30 फीसदी से ज्यादा का ब्याज ले सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल आयोग के इस फैसले के खिलाफ भारतीय बैंक संघ, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, एचएसबीसी और सिटीबैंक ने अपील की थी जिस पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी हामी भर दी थी।
हालांकि आज भी सर्वोच्च न्यायालय में इस बात पर जमकर बहस हुई क्योंकि आयोग का आदेश आगामी 13 फरवरी से लागू होने वाला था। बैंकों की त्वरित सुनवाई के आग्रह के बीच बी एन अग्रवाल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग के आदेश पर रोक लगा दी।
ब्याज दरों को 30 फीसदी से ज्यादा किए जाने के पीछे बैंकों का तर्क था कि ब्याज दरों को तय करने का अधिकार सिर्फ रिजर्व बैंक को है और वे उसी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।
इस मामले में आयोग के पास जाने वाले संगठन आवाज का कहना था कि बैंक भुगतान नहीं करने पर ब्याज के साथ कुछ अन्य शुल्क भी वसूलते हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 90 फीसदी रकम हो जाती है।
