facebookmetapixel
दूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरासेल्सफोर्स का लक्ष्य जून 2026 तक भारत में 1 लाख युवाओं को एआई कौशल से लैस करनाअवसाद रोधी दवा के साथ चीन पहुंची जाइडस लाइफसाइंसेजQ2 Results: ओएनजीसी के मुनाफे पर पड़ी 18% की चोट, जानें कैसा रहा अन्य कंपनियों का रिजल्टअक्टूबर में स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर, FY26 में 50% की ग्रोथसुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीदछोटी SIP की पेशकश में तकनीकी बाधा, फंड हाउस की रुचि सीमित: AMFI

क्रेडिट कार्ड पर 30 फीसदी से अधिक ब्याज!

Last Updated- December 09, 2022 | 11:56 PM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने आज राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के उस फैसले को निरस्त कर दिया है जिसमें आयोग ने क्रेडिट कार्ड के ऊपर लगने वाले ब्याज दर की सीमा 30 फीसदी तय की थी।
नए आदेश के अनुसार बैंक अब क्रेडिट कार्ड पर 30 फीसदी से ज्यादा का ब्याज ले सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल आयोग के इस फैसले के खिलाफ भारतीय बैंक संघ, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, एचएसबीसी और सिटीबैंक ने अपील की थी जिस पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी हामी भर दी थी।
हालांकि आज भी सर्वोच्च न्यायालय में इस बात पर जमकर बहस हुई क्योंकि आयोग का आदेश आगामी 13 फरवरी से लागू होने वाला था। बैंकों की त्वरित सुनवाई के आग्रह के बीच बी एन अग्रवाल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग के आदेश पर रोक लगा दी।
ब्याज दरों को 30 फीसदी से ज्यादा किए जाने के पीछे बैंकों का तर्क था कि ब्याज दरों को तय करने का अधिकार सिर्फ रिजर्व बैंक को है और वे उसी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।
इस मामले में आयोग के पास जाने वाले संगठन आवाज का कहना था कि बैंक भुगतान नहीं करने पर ब्याज के साथ कुछ अन्य शुल्क भी वसूलते हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 90 फीसदी रकम हो जाती है।

First Published - February 4, 2009 | 2:03 PM IST

संबंधित पोस्ट