दक्षिण कोरिया का वित्तीय समूह मिरे एसेट फाइनेंशियल भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए एक सिक्योरिटीज कंपनी का अधिग्रहण करना चाहता है।
इस समूह ने मिरे एसेट म्युच्युअल फंड के रूप में इस साल अपना पहला प्रॉडक्ट लांच किया था। अब उसकी नजर सिक्योरिटीज के कारोबार पर है। इसके अंतर्गत वेल्थ मैनेजमेंट और आईपीओ के लिए प्राइवेट इक्विटी एंड इंवेस्टमेंट बैंकिंग शामिल है।
मिरे एसेट फाइनेंशियल ग्रुप के चेयरमैन हियॉन जू पार्क ने बताया कि कंपनी भारत में अपने ग्राहकों को जल्दी से जल्दी वेल्थ मैनेजमेंट और एक सिक्योरिटीज कंपनी के मार्फत आईपीओ के लिए निवेश बैंकिंग सेवा देना चाहती है।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में कंपनी के सिक्योरिटीज कारोबार का प्रमुख उद्देश्य ब्रोकिंग नहीं होगा।पार्क ने कहा कि उनका ग्रुप यहां के कमर्शियल रियल एस्टेट क्षेत्र में भी निवेश करना चाहता है। इस क्षेत्र के लिए सरकार ने नियमावली आसान बनाई है। उन्होंने कहा कि उनका ग्रुप इंफ्रास्ट्रक्चर, कमर्शियल रियल एस्टेट और सेज में निवेश करना चाहता है।
वर्तमान में मिरे सिक्योरिटीज हांगकांग, वियतनाम और चीन में कारोबार कर रहा है। वह जल्द ही भारत, ब्रिटेन, अमेरिका और ब्राजील के बाजार में भी उतरना चाहता है। उसकी दुबई में एक ऑफिस स्थापित कर अप्रवासी भारतीयों को आकृष्ट करने की योजना है।
म्युच्युअल फंड बिजनेस
मिरे एसेट म्युच्युअल फंड मार्च 2009 के अंत तक कई नए प्रॉडक्ट लाने जा रहा है। इसमें 9 इक्विटी प्रॉडक्ट भी शामिल हैं। मिराई एसेट म्युच्युअल फंड, इंडिया के सीईओ अरिंदम घोष ने बताया कि इन प्रॉडक्ट्स में चार लोकल, चार इंटरनेशनल और एक हाइब्रिड प्रॉडक्ट्स होगा। फंड हाउस की एसेट अंडर मैनेजमेंट(एयूएम) मई 2008 के अंत तक 2160.37 करोड़ रुपये की थी।
उसकी अगले पांच सालों में इसे बढ़ाकर 200 अरब डॉलर करने का लक्ष्य है। कंपनी ने लैक्जेमबर्ग, चीन और भारत में अपने 10 फंड पंजीकृत करने के आवेदन दे रखे हैं। इस फंड हाउस के भारत में 3.5 अरब डॉलर के एयूएम वाले 10 फंड हैं।