बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों के बोझ तले दबते होम लोन ग्राहकों को राहत देने के लिए बैंक अब उन्हे अपने लोन समय से पहले (प्रीपेमेंट) देने की छूट दे रहे हैं और कई बैंक तो इस प्रीपेमेंट पर ग्राहकों से कोई पेनाल्टी भी नहीं ले रहे हैं, जो अमूमन देनी होती है।
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य जनरल मैनेजर नंदा कुमारन ने कहा कि उनका बैंक भी ग्राहकों को बिना किसी पेनाल्टी के ग्राहकों को प्रीपेमेंट के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यह सुविधा उन ग्राहकों के लिए भी है जिन्होंने सालाना प्रीपेमेंट सीमा को पार कर लिया है।
आईसीआईसीआई बैंक के रिटेल असेट कारोबार और ग्रामीण बैंकिंग के प्रमुख राजीव सब्बरवाल का कहना है कि बैंकों ने यह कदम लोगों को बढ़ते ब्याज दरों से राहत प्रदान करने के लिए उठाया है। बैंकों ने यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट और सीआरआर में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने यह कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट को बढ़ा देने के बाद फंड की समस्या को दूर करने के लिए बैंकों को भी अपने कर्ज की दरों को बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी कर्ज की दरों में 0.5 फीसदी का इजाफा किया जबकि आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने अपनी कर्ज की दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी। विश्लेषकों का मानना है कि फंडों की ऊंची कीमतों और तरलता की कठिन हालातों की वजह से बैंक प्रीपेमेंट की ओर गौर कर रहे हैं ताकि ग्राहकों को होमलोन लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। एक बैंकिंग विश्लेषक का कहना है कि इस तरह के प्रीपेमेंट से बैंकों को सस्ता फंड प्राप्त करने में मद्द मिलती है।
आईसीआईसीआई बैंक एक होमलोन के लिए सबसे ज्यादा प्रीपेमेंट को अनुमति देता है। लेकिन शर्त यह है कि ग्राहक की कम से कम 12 ईएमआई नियमित समय पर जमा की गई हों। दूसरे शब्दों में किसी पंद्रह साल को लोन का भुगतान 14 साल में किया जा सकता है। इसके पहले बैंक प्रीपेमेंट के लिए ग्राहकों के दो से तीन फीसदी की पेनाल्टी लेते थे क्योंकि बैंकों को ब्याज होने वाली आय खोनी पड़ती थी। कोटक महिंद्रा बैंक के होम एवं पर्सनल लोन प्रमुख कमलेश राव का कहना है कि जब ग्राहक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से प्रीपेमेंट करना चाहता है तो हम किसी भी प्रकार की पेनाल्टी नहीं लेते हैं।
ग्राहक द्वारा एक साल में दी जाने वाली पूंजी के 15 से 20 फीसदी पूंजी पर हम कोई प्रीपेमेंट पेनाल्टी नहीं लेते हैं। हालांकि यदि कोई ग्राहक बैंक से बढ़ती ब्याज दरों की वजह से प्रीपेमेंट के लिए आग्रह करता है तो हम उससे कोई प्रीपेमेंट नही लेते हैं। हालांकि सभी बैंकों ने अभी इस पेनाल्टी में छूट देना प्रारंभ नही किया है जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा । बैंक ऑफ बड़ौदा की रिटेल बैंकिंग शाखा के जनरल मैनेजर नंदन श्रीवास्तव का कहना है कि हम फंड के स्रोत की ओर देखते हैं। यदि ग्राहक ने होम लोन को चुकाने के लिए दूसरा लोन भी लिया है तो हम उससे पेनाल्टी लेते हैं।