ताजा वैश्विक वित्तीय संकट को लेकर भारतीय विनिर्माण क्षेत्र बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है, हालांकि कुछ हद तक उपभोक्ता सामानों पर कुछ असर जरूर पडा है।
इस बाबत फोर्ब्स मार्शल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नौशाद फोर्ब्स का कहना है कि वैश्विक स्तर पर निवेश बैंकों में आए ताजा संकट का विनिर्माण क्षेत्र पर प्रत्यक्ष रूप से कोई असर नहीं पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों में अमेरिका में लीमन ब्रदर्स केदिवालिया होने के साथ ही वित्तीय संकट की स्थिति पैदा हो गई और साथ मेरिल लिंच और अमेरिका इंश्योरेंस ग्रुप (एआईजी) के सामने आई आर्थिक मुश्किलों से संकट और गहरा गया जिसका कि असर भारतीय बाजारों में अभी तक कोई खास असर नहीं पडा है।
हालांकि फोर्ब्स ने कहा कि इस वित्तीय संकट से बाजार में निवेशकों केविश्वास में कमी जरूर आई है। उन्होंने साथ ही कहा कि बैंकों की भविष्य के लिए कई योजनाएं थी और इसका असर इन योजनाओं पर पडा है और साथ ही बाजार में आए विश्वास की कमी को देखते हुए कपंनियां भी अपनी ताजा कैपेक्स योजनाओं को टाल रही हैं।
हिन्दुस्तान यूनिलीवर के होमकेअर के उपाध्यक्ष सुधांशु वत्स का कहना है कि पूरा विश्व तरलता की कमी का सामना कर रहा है और उद्योगों पर असर पड़ने की संभावना है। वत्स ने आगे कहा कि उपभोक्ता उत्पाद बाजार पर असर जरूर पडा है लकिन जहां तक एफएमसीजी की बात है तो इस क्षेत्र पर इसका असर अपेक्षाकृत कम पडा है।
प्रबंधन और विनिर्माण तकनीक के कॉर्पोरेट सलाहकार शैलेश सेठ का कहना है कि ताजा वित्तीय संकट से होनेवाले मुनाफे पर कुछ समय केलिए प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
औद्योगिक नीति और प्रोमोशन केसंघीय विभाग के सचिव अजय शंकर ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश में इजाफा देखने को मिला है मंदी के बाबत इसमें अभी तक कमी आने केकोई संकेत नहीं मिले हैं।