टाटा की लखटकिया कार नैनो के खरीदारों को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं से वाहन ऋण लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
खुद टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक रविकांत का भी ऐसा ही मानना है। उनके मुताबिक, बैंक व वाहन लोन प्रदान करने वाली अन्य वित्तीय संस्थाएं नकदी की कमी के चलते खुदरा लोन देने की बजाय कॉरपोरेट लोन में दिलचस्पी ले रही हैं।
ऐसे में कच्चे माल की बढ़ती लागत से परेशान ऑटोमोबाइल उद्योग को और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। रविकांत ने बताया कि एक ओर तो ब्याज दर काफी ज्यादा है, वहीं बैंक ऋण देने से भी कतरा रहे हैं। ऐसे में वाहन उद्योग के सामने संकट खड़ा हो सकता है। उधर, सूत्रों का कहना है कि बैंकों का एनपीए और न बढ़े, इसलिए वह खुदरा लोन देने से वे बच रहे हैं।
सिंगुर से नैनो
रविकांत ने बताया कि पहली नैनो कार पश्चिम बंगाल के सिंगुर प्लांट में ही बनकर तैयार होगी और अक्टूबर तक सड़कों पर आ जाएगी। दूसरे चरण में नैनो का निर्माण पुणे और पंतनगर के संयंत्र में होने की बात की उन्होंने पुष्टि की।