बड़ी तादाद में कोष उगाही के बीच नवंबर में आरंभिक सार्वजनिक पेशकशों (आईपीओ) के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये मैंडेट निर्माण में भारी तेजी दर्ज की गई।
देश में रिटेल भुगतान के लिए मुख्य संगठन नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, नवंबर में 76 लाख मैंडेट बने थे जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा सिर्फ 11.4 लाख था।
नवंबर में आईपीओ द्वारा 36,000 करोड़ रुपये की सर्वाधिक पूंजी जुटाई गई थी, जो नवंबर 2017 में बने पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले दोगुना है। महीने में पेटीएम, पॉलिसी बाजार और नायिका के बड़े आईपीओ आए।
रिकॉर्ड कोष उगाही के बावजूद यूपीआई की संख्या जुलाई के मुकाबले काफी कम रही। जुलाई में 76.6 लाख यूपीआई आईपीओ मैंडेट बने थे। उस महीने में जोमैटो और क्लीन साइंस तथा जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स जैसी कई छोटी कंपनियों के भी आईपीओ ने निवेशकों को आकर्षित किया था।
मैंडेट बनाने की जरूरत तब पड़ती है जब ग्राहक आईपीओ आवेदन के लिए बैंक खाते में अपनी राशि ब्लॉक करने की अनुमति देता है। नवंबर में, कई लोकप्रिय आईपीओ आए थे, जिनमें लेटेंट व्यू एनालिटिक्स भी शामिल था। कंपनी के 600 करोड़ रुपये के आईपीओ ने 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवेदन हासिल किए थे।
अक्टूबर में सिर्फ एक आईपीओ आया, और वह था आदित्य बिड़ला सनलाइफ एएमसी। सितंबर में पांच कंपनियों ने 6,887 करोड़ रुपये, जबकि अगस्त में आठ आईपीओ के जरिये 17,841 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
जब बात मैंडेट क्रियान्वयन की हो तो शेयर आवंटन से संबंधित सौदों की संख्या नवंबर में 12.4 करोड़ या यूपीआई के जरिये बने कुल मैंडेट के 16.3 प्रतिशत पर रही। अक्टूबर में 28 प्रतिशत मैंडेट सफल रहे जबकि अगस्त में 22 प्रतिशत मैंडेट के जरिये शेयर आवंटन हुए। देश के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई ने अक्टूबर में करीब 20 लाख मैंडेट निर्माण अनुरोध हासिल किए, जिसके बाद एचडीएफसी बैंक ने 12.5 लाख, और आईसीआईसीआई बैंक ने 889,168 अनुरोध हासिल किए।
जब बात बैंकों में यूपीआई आईपीओ मैंडेट में गिरावट की दर की हो तो पिछले कुछ महीनों में इसमें बड़ा सुधार दर्ज किया गया। हालांकि अक्टूबर में यह गिरावट बढ़ गई थी, लेकिन नवंबर में कुछ हद तक स्थिर रही।
एसबीआई ने 88.39 प्रतिशत की मंजूरी दर दर्ज की। बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक, केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों ने 85.22 प्रतिशत, 91.94 प्रतिशत, 90.86 प्रतिशत, 91.31 प्रतिशत, 89.34 प्रतिशत की दर दर्ज की। बड़े निजी बैंकों ने 90 प्रतिशत से ज्यादा की मंजूरी दर दर्ज की।
नवंबर में रिकॉर्ड संख्या में आईपीओ आने के बाद दिसंबर में भी बड़ी तादाद में कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं।
