एचएसबीसी बैंक ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 2008 के अंत तक मुद्रास्फीति से निपटने के लिए अपनी प्रमुख कर्ज की दरों और सीआआर में एक-एक फीसदी का और इजाफा कर सकता है।
मुद्रास्फीति की दर 11.42 फीसदी के 13 सालों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। एचएसबीसी के अर्थशास्त्री राबर्ट प्रियोर वेंडसफोर्ड ने कहा है कि रेपो रेट और खुदरा मूल्य अवमूल्यन के के बीच संबंध 2006 से अब तक 0.5 फीसदी हो चुका है। इससे पहले 2001 से 2005 के बीच यह माइनस 0.2 फीसदी था।