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कार्ड या लोन चाहिए! फोन का बिल तो भर आइए

Last Updated- December 11, 2022 | 1:06 AM IST

क्या आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अर्जी डालने जा रहे हैं? पहले देख लीजिए कि आपने अपना टेलीफोन बिल या बीमा का प्रीमियम भरा है या नहीं।
जल्द ही क्रेडिट कार्ड या लोन की आपकी अर्जी महज इसीलिए रद्दी की टोकरी में डाली जा सकती है क्योंकि आपने फोन बिल, बीमा प्रीमियम या शेयर ब्रोकर का भुगतान समय पर नहीं किया है। अब आपको इन सब बातों का पूरा ध्यान रखना होगा।
रिजर्व बैंक ने इस सिलसिले में आज ठोस पहल की। बैंक ने क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया लिमिटेड या सिबिल, इक्विफैक्स क्रेडिट इनफॉर्मेशन सर्विसेज, एक्सपीरियन क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया और हाईमार्क क्रेडिट इनफॉर्मेशन सर्विसेज का पंजीकरण क्रेडिट सूचना कंपनी अधिनियम के दायरे में लाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।
इसके साथ ही बैंकों को कर्ज या क्रेडिट कार्ड के लिए अर्जी देने वालों के बारे में पहले से ज्यादा और पुख्ता जानकारी हासिल करने का मौका मिल सकता है। फिलहाल सिबिल सबसे बड़ी एजेंसी है, जिसके पास 164 बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लगभग 13.5 करोड़ ग्राहकों का डैटाबेस है।
इन कंपनियों को एक बार अंतिम मंजूरी मिल जाती है, तो उन्हें और ग्राहकों का रिकॉर्ड इकट्ठा करने में मदद मिल जाएगी। सिबिल आपकी देनदारियों और भुगतान के रिकॉर्ड को देखते हुए आपको 900 अंकों तक का क्रेडिट स्कोर देती है। किस्त का भुगतान देर से करने पर क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। इसी तरह चेक बाउंस होने पर भी रिकॉर्ड खराब होता है।
सिबिल स्कोर देती है और बैंक उसी के आधार पर यत तय करते हैं कि आपको लोन दिया जाए अथवा नहीं। अगले वित्त वर्ष से सिबिल आम नागरिकों को भी उनके क्रेडिट रिकॉर्ड की जानकारी देगा। इसके लिए शर्तों और नियमों पर काम चल रहा है। इसके तहत आम जनता को टॉल फ्री नंबर या वेबसाइट मुहैया कराई जा सकती है।
सिबिल के प्रबंध निदेशक अरुण ठकराल ने कहा, ‘चोरी को पहचानना बड़ा मसला है और हम खामियां दूर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सामाजिक सुरक्षा नंबर नहीं होने के कारण यह करना मुश्किल हो रहा है।’ लेकिन उन्होंने कहा कि अपने बारे में व्यक्तिगत सूचना पर आधारित कुछ प्रश्नों का उत्तर देने पर आपको अपने क्रेडिट रिकॉर्ड का पूरा ब्योरा मिल जाएगा।
बैंकर भी इस पहल से खुश नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा स्रोतों से जानकारी हासिल करने की वजह से पहली बार कर्ज मांगने आ रहे ग्राहकों को कर्ज देने या बिना गिरवी कर्ज देने में उन्हें आसानी होगी।
लेकिन इस व्यवस्था को लागू करने में अभी वक्त लग सकता है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इसमें कौन-कौन सी सेवाओं के लिए भुगतान का ब्योरा रखा जाएगा। फिलहाल जो नियम बने हैं, उनमें केवल बीमा कंपनियों, शेयर ब्रोकर, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस कानून के दायरे में लाया गया है। बिजली और पानी देने वाली कंपनियों को अभी इसमें शामिल नहीं किया गया है।
इसके अलावा अभी यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन लोगों के मामले में एजेंसी या बैंक क्या रवैया अपनाएंगे, जो अपने नाम पर लगे बिजली या टेलीफोन कनेक्शन का इस्तेमाल अपने किरायेदारों को करने देते हैं।
रिजर्व बैंक ने दी नई पेशकश को सैद्धांतिक मंजूरी
लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अर्जी देने पर अब होगी ज्यादा जांच
टेलीफोन बिल, बीमा प्रीमियम या शेयर ब्रोकर की रकम नहीं देने पर रद्द हो सकती है आपकी अर्जी
सिबिल करेगी क्रेडिट रिकॉर्ड में कई अन्य पहलुओं को शामिल
बैंकों ने जताई इस फैसले पर खुशी, कहा लोन देना होगा आसान

First Published - April 18, 2009 | 7:00 PM IST

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