देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने विदेशों में रिटेल बैंकिंग केक्षेत्र में अधिग्रहण करने का विचार बनाया है।
गौरतलब है कि हाल में ही आईसीआईसीआई बैंक ने एक बयान में कहा था कि वह ब्रिटेन,कनाडा या जर्मनी में अधिग्रहण करने का विचार कर रहा है। बैंक की संयुक्त प्रबंध निदेशक चंदा कोचर ने कहा कि हम इन बाजारों में रिटेल बैंकिंग के कारोबार में लगी किसी फ्रेंचाइजी का अधिग्रहण करना चाहते हैं ताकि हम एक रिटेल डिपॉजिट बेस बनाने में सफल हो सकें जो हमारे अंतरराष्ट्रीय कारोबार की रणनीति का मुख्य हिस्सा है।
कोचर ने कहा कि हालांकि बैंक किसी वित्त्तीय संस्थान में कम हिस्सेदारी के बारे में नही सोच रहा है। कोचर ने कहा कि जैसा कि किसी भी बड़े संगठन में होता है हम भी किसी कंपनी के कारोबारी वातावरण और संभावित रणनीति को आकेंगे लेकिन हमारा विचार किसी कंपनी में कम हिस्सेदारी खरीदने का नही है। कोचर ने कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात की वजह से पश्चिम की अर्थव्यवस्था में अधिग्रहण की काफी संभावनाए हैं लेकिन इन सभी संभावनाओं के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं।
हालांकि बैंक ने अधिग्रहण के आकार और प्रकृति के बारे में विस्तार से जानकारी देने से इंकार कर दिया। बैंक ने उन वित्त्तीय संस्थानों के नाम का खुलाशा भी नहीं किया जिनके अधिग्रहण के बारे में बैंक विचार कर रहा है। आईसीआईसीआई बैंक ने शेयर इंश्योरेंस के जरिए घरेलू बाजार और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकन डिपॉजिटेरी शेयर के जरिए पांच बिलियन अमेरिकी डॉलर या 20,000 करोड़ की राशि जुटाई है।
हाल में ही आईसीआईसीआई बैंक के अंतरराष्ट्रीय कारोबार के कार्यकारी अधिकारी संजय चटर्जी ने विदेशी मीडिया से कहा था कि बैंक अपने विदेशी कारोबा के प्रसार के लिए 20,000 करोड़ की राशि खर्च करेगा जिसमें बिट्रेन,कनाडा या जर्मनी में किसी बैंक का अधिग्रहम भी शामिल है। बैंक की 19 देशों में मौजूदा उपस्थिति है और बैंक का करीब 25 फीसदी राजस्व विदेशी कारोबार से आता है।