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एचडीएफसी बैंक ने गांव में खोला बीपीओ

Last Updated- December 07, 2022 | 6:46 PM IST

निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े कर्जदाता बैंक एचडीएफसी बैंक ने पहला ग्रामीण बीपीओ आंध्रप्रदेश के तिरुपति जिले में स्थापित किया है जिसमें आसपास के ग्रामीण इलाके के लोगों को रोजगार दिया गया है।


एचडीएफसी में ऑपरेशन के प्रमुख ए राजन ने कहा कि यह बीपीओ बैंक की अनुषंगी कंपनी एडीएफसी द्वारा स्थापित किया गया है और इसका परिचालन जुलाई में शुरू कर दिया गया। इसके बाद यह बैंक की आउटर्सोसिंग गतिविधियों में हिस्सेदारी कर रहा है।

बैंक ने इसके लिए 500 लोगों को नियुक्त किया है और उसकी योजना मार्च 2009 तक 1,500 तक करने की है। ग्रामीण बीपीओ स्थापित करने के पीछे के उद्देश्य को बताते हुए राजन ने कहा कि इसके जरिए बैंक की योजना ग्रामीण इलाकों में विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने की है। इसलिए इस क्षेत्र में बैंक ने सबसे पहले शुरुआत की है।

उन्होंने कहा कि बैंक बिना ग्राहक सेवाओं के समझौता करते हुए या प्रोजेक्ट के आर्थिक उद्देश्य को खोते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त करेगा।  इस कदम के सफलता प्राप्त कर लेने के बाद बैंक की योजना दूसरे राज्यों के ग्रामीण इलाकों में भी बीपीओ स्थापित करने की है।

राजन ने कहा कि यह विचार काफी संभावनाओं वाला है और इससे दूसरे बैंक, बीमा कंपनियां और म्युचुअल फंड भी ग्रामीण बीपीओ के जरिए आउटसोर्सिंग के बारे में विचार कर सकते हैं। बैंक का बीपीओ तिरुपति के उप-नगरीय ग्रामीण इलाके में स्थित है जिसके लिए बैंक को बीएसएनएल से ब्रॉडबैंड सुविधा मिल गई।

बैंक ने तिरुपति को विकल्प के रुप में इसलिए चुना क्योंकि वास्तविक ग्रामीण इलाकों में बुनियादी संरचना की चीजें उपलब्ध नहीं  थी, जैसे बिजली की आपूर्ति, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की मरम्मत की सुविधा। राजन के अनुसार एक ग्रामीण बीपीओ स्थापित करनें में काफी पूंजी खर्च करनी पड़ती है क्योंकि एडवांस इमेजिंग टेक्नोलॉजी में काफी खर्चा आता है।

हालांकि यह लागत ज्यादा हो सकती है जब ग्रामीण युवाओं को उनके परंपरागत व्यवसायों जैसे कृषि, बढ़ईगीरी के साथ ही टेक्नोलॉजी के काम में भी लगाया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में बीपीओ का लाभ यह भी है यहां एक एट्रिशन रेट कम है और प्रशिक्षण में भी कम खर्च करना पड़ता है।

युवाओं को 4,500 रुपये पर फुलटाइम आधार पर काम करने का मौका मिलेगा जो उनकी प्रति महीनें की आय से चार गुना है। राजन ने कहा कि ग्रामीण बीपीओ में काम का स्तर इसलिए मजबूत हो रहा है क्योंकि उनमें अपने शहरी प्रतियोगियों से बेहतर करने की भूख है।

First Published - August 26, 2008 | 10:30 PM IST

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