मेट्रो परियोजनाओं एवं सरकारी व्यय में वृद्धि के दम पर केईसी इंटरनैशनल ने चालू वित्त वर्ष में अपना सिविल कार्य कारोबार राजस्व लगभग दोगुना कर 2,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का लक्ष्य रखा है। केईसी इंटरनैशनल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी विमल केजरीवाल ने बिजऩेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा कि कंपनी के पास फिलहाल छह मेट्रो परियोजनाओं के अलावा पानी की पाइपलाइन बिछाने और हवाईअड्डों एवं तेल-गैस ढांचों के निर्माण के भी ऑर्डर हैं। इससे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी का राजस्व दोगुना हो जाएगा।
केईसी के तीन प्रमुख राजस्व आधारों में पारेषण एवं वितरण और रेलवे के अलावा सिविल निर्माण भी शामिल हैं।
केजरीवाल ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल में बताया कि कंपनी के पास सिविल कारोबार में एक मजबूत ऑर्डर बुक है। वर्ष 2020-21 में कंपनी का सिविल कारोबार करीब तिगुना बढ़कर 1,080 करोड़ रुपये हो गया था जबकि उससे पहले के साल में यह 376 करोड़ रुपये था।
सिविल क्षेत्र में मजबूत राजस्व आधार को देखते हुए कंपनी पिछले साल से ही पूंजी व्यय के तौर पर 70-80 करोड़ रुपये का निवेश भी करती रही है। केजरीवाल ने कहा कि लगभग उतना ही पूंजी व्यय इस साल और अगले साल भी किया जाएगा। इस कारोबार का एक अन्य सकारात्मक पहलू यह है कि इस कारोबार के लिए जरूरी उपकरण कोविड की वजह से मांग में कमी आने से तुलनात्मक रूप से कम भाव पर या किराये पर भी उपलब्ध हैं।
केईसी इंटरनैशनल को लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), एबीबी इंडिया लिमिटेड और सीमेंस लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों से तगड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। हालांकि केईसी का सिविल कारोबार भविष्य में मजबूत होता हुआ नजर आ रहा है लेकिन इसके पारेषण एवं वितरण और रेलवे कारोबार में होने वाले मार्जिन के स्तर तक पहुंचने में अभी कुछ वक्त लगेगा।
केजरीवाल कहते हैं, ‘हमें सिविल कारोबार में अपनी क्षमता बढ़ाई है। एक खास स्तर तक पहुंच जाने के बाद उस क्षमता स्तर से हमें बढिय़ा मार्जिन मिल सकता है। जब हम 3,000 करोड़ रुपये के राजस्व मुकाम तक पहुंच जाएंगे, जिसके वर्ष 2022-23 में हासिल हो जाने की उम्मीद है, तो हम रेलवे कारोबार की तर्ज पर सिविल कारोबार में भी दो अंकों का मार्जिन पाने लगेंगे।’ केईसी इंटरनैशनल के पारेषण एवं वितरण कारोबार में करीब 12-13 फीसदी का मार्जिन है जबकि रेलवे कारोबार का मार्जिन 10 फीसदी है।