क्रेडिट कार्ड प्रदाता एसबीआई कार्ड्स ऐंड पेमेंट सर्विसेज (एसबीआई कार्ड) का शेयर गुरुवार को दिन के कारोबार में बीएसई पर 6.1 प्रतिशत चढ़ गया।
वैश्विक ब्रोकरेज मैक्वेरी के इस शेयर की रेटिंग ‘न्यूट्रल’ से बढ़ाकर ‘आउटपरफॉर्म’ किए जाने के बाद इसमें यह तेजी आई।
शेयर ने 866.85 रुपये की ऊंचाई (18 महीने में सबसे ऊंचा स्तर) को छुआ और आखिर में 5.23 प्रतिशत बढ़त के साथ 859.45 रुपये पर बंद हुआ। इसकी तुलना में सेंसेक्स 32 अंक या 0.04 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। ब्रोकरेज ने उम्मीद बढ़ाने वाले उद्योगव्यापी कारकों का हवाला देते हुए शेयर के लिए कीमत लक्ष्य 735 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया।
मैक्वेरी के विश्लेषकों ने कहा कि क्रेडिट कार्डों के लिए पिछले भुगतान की दरें कुछ हद तक स्थिर हो रही हैं। ब्रोकरेज ने अपनी 12 फरवरी की रिपोर्ट में कहा, ‘हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि इसमें बड़ी कमी कब आएगी, लेकिन यह पहला राहत भरा कारक है।’साथ ही, क्रेडिट कार्डों में पुरानी चूक में कमी आई है जो बेहतर पोर्टफोलियो चयन का संकेत है क्योंकि एसबीआई कार्ड ने पिछले 12 महीनों में बेहतर स्कोर वाले उधारकर्ताओं को ऋण में इजाफा शुरू किया है।
इसके अलावा ब्याज दरों में गिरावट, तरलता बेहतर होने, आयकर में कटौती और असुरक्षित ऋणों में कम आने से भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का संतुष्ट होना जैसे कारक एसबीआई कार्ड के लिए अतिरिक्त रूप से सकारात्मक हैं।
मैक्वेरी के विश्लेषकों ने कहा, ‘हमने एसबीआई कार्ड के लिए अपना कीमत लक्ष्य 36 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इसे 735 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये किया है। हमने अपनी ऋण लागतों को कम किया है जिसके परिणामस्वरूप परिसंपत्तियों पर निरंतर प्रतिफल (आरओए) 30 आधार अंक बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गया है। हमने इक्विटी की लागत को 100 आधार अंक घटाकर 13.5 प्रतिशत किया है और कीमत लक्ष्य-बुक वैल्यू मल्टीपल 3.4 गुना से बढ़ाकर 4.8 गुना किया है।’
मैक्वेरी के अनुसार वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही से एसबीआई कार्ड से संबंधित फंसे ऋणों और ऋण लागत में गिरावट के साथ साथ कोष की घटती लागत से मार्जिन में वृद्धि से इस शेयर की रेटिंग में सुधार को बढ़ावा मिल सकता है। इससे पहले जनवरी 2025 में यूबीएस ने देनदारियों में स्थिरता और इंक्रिमेंटल अंडरराइटिंग में सुधार के संकेतों के बीच एसबीआई कार्ड के लिए ‘बेचें’ से बदलकर ‘तटस्थ’ रेटिंग दी।
ब्रोकरेज ने आरओई में सुधार को ध्यान में रखते हुए इस शेयर के लिए अपना कीमत लक्ष्य 600 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये कर दिया था। यूबीएस को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में ऋण लागत ऊंची बनी रहेगी लेकिन वित्त वर्ष 2026 में घटकर 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 में 7.1 प्रतिशत हो जाएगी जबकि वित्त वर्ष 2025 में ऋण लागत बढ़कर 8.4 प्रतिशत रह सकती है।