निजी क्षेत्र का कर्जदाता बैंक डेवलेपमेंट क्रेडिट बैंक लि.(डीसीबी) ने इस साल अपनी कर्ज विकास दर को कम करने की योजना बना रहा है। इसके लिए वह अपने अग्रिमों यानी कर्जों को 45 फीसदी से कम कर 20 फीसदी करने जा रहा है।
मर्चेंट ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक सत्र में बैंक के सीएमडी गौतम वीर ने कहा कि हम बाजार की मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए इस साल अपने लोन एडवांस कम करते हुए कर्ज विकास की दर को कम करने पर विचार कर रहे हैं जबकि मौजूदा जमा दरों को पिछले साल की भांति ही 30 से 35 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखने की योजना है।
बैंक को गैर प्रदर्शनकारी परिसंपत्तियों में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है, लेकिन इसमें कितनी बढ़ोत्तरी होगी, यह उन्होंने नही बताया। बैंक ने शुद्ध ब्याज अंतर यानी नेट इंट्रेस्ट मार्जिन में इस साल के अंत तक इसमें 2.9 से तीन फीसदी तक की बढ़ोतरी होने का आकलन किया है। इन दबावों की वजह नकद आरक्षी अनुपात का बढ़ना है। इसी के चलते बैंक अपनी लोन ग्रोथ को कम करने पर विचार को विवश हुआ है।
उसकी कोशिश है कि वह कासा अनुपात और नेट इंट्रेस्ट मार्जिन में सुधार को सुनिश्चित कर सके। मालूम हो कि बैंक का कर्ज पोर्टफोलियो 45 फीसदी का है। इसमें 40 फीसदी औद्योगिक क्षेत्र और 15 फीसदी छोटे एवं मझोले उद्यमों के लिए वांछित हैं।
हालांकि इसके फिर से संयुक्त किए जाने की बात है जिसके बाद पोर्टफोलियो तीन साल में बढ़कर 33 फीसदी हो जाने का अनुमान है। इस साल के अंत तक चालू एवं बचत खाता जमा अनुपात की जहां तक बात है तो इसके भी 27 फीसदी से बढ़कर 29 फीसदी हो जाने की उम्मीद है।
व्यक्तिगत कर्ज की जहां तक बात है तो इसमें साल के अंत तक पांच फीसदी तक की कमी आ सकती है। पूंजी आधिक्य यानी कैपिटल एैडिक्वेसी तो 13 फीसदी के स्तर पर है। फिलहाल बैंक और पूंजी को जुटाने की नही सोच रहा है।