भारत में बढ़ते रईस की गिनती अब विदेशी बैंकों को भी लुभाने लगी है। ज्यूरिख के बैंक क्रेडिट सुइस ने इसी को देखते हुए भारत में अपना वेल्थ मैनेजमेंट कारोबार शुरू कर दिया है।
इसके तहत बैंक हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) के लिए कई तरह के इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट बाजार में उतारेगा। बैंक का इरादा अगले तीन साल ने भारत के सबसे अच्छे तीन वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियों में से एक बनने का है।
भारत में दस लाख डॉलर से उससे ज्यादा की संपत्ति वाले परिवारों की संख्या में भी खासा इजाफा आ गया गया है। 2007 में देश में कुल 1,20,000 ऐसे परिवार थे जिनके पास कम से कम इतनी संपत्ति थी और 2012 तक ऐसे परिवारों की संख्या बढ़कर 3,00,000 हो जाने का अनुमान है। और इन रईसों की ग्रोथ करीब 30 फीसदी सालाना की दर से हो रही है।
जनवरी 2008 में क्रेडिट सुइस ने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेस शुरु करने का भी लाइसेंस लिया था। इस सेवा के तहत बैंक एचएनआई और पारिवारिक कारोबार में लगे निवेशकों को कई तरह के इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट मुहैया कराएगा, जिसमें पूंजी जुटाने, लिस्टिंग जैसे मामलों पर सलाह देना भी शामिल होगा।
हाल में बैंक ने भारत में ब्रोकरेज का काम भी शुरू किया है और उसने मर्चेन्ट बैंकर का लाइसेंस भी लिया है। बैंक अगले तीन साल में नई दिल्ली और बेंगलूर में अपने दफ्तर खोलने की योजना बना रहा है। इसके अलावा एनआरआई ग्राहकों की जरूरतों के लिए बैंक की अलग टीमें दुबई, सिंगापुर और ज्यूरिख में भी हैं।
क्रेडिट सुइस के कंट्री हेड मिहिर दोशी के मुताबिक हम पिछले दस साल से इस क्षेत्र की जरूरतों को समझ रहे हैं और हम भारतीय बाजार के प्रति कमिटेड हैं। वेल्थ मैनेजमेंट के कारोबार से भारत में हमारे इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और सेक्योरिटीज का कारोबार भी बढ़ेगा और हम अपने ग्राहकों को हर किस्म की सेवा देने में सक्षम हो जाएंगे।
शुरुआत में बैंक अपने निवेशकों को सलाहकार सेवाएं देगा, इसके तहत उनकी जरूरतों के मुताबिक असेट एलोकेशन का काम भी होगा। जिनमें इक्विटी, म्युचुअल फंड, बांड और स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट शामिल हैं।