बीएस बातचीत
अर्थव्यवस्था रिकवरी की राह पर है, ऐसे में चेन्नई के इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी)और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) शांति लाल जैन ने मांग में रिकवरी, खराब कर्ज की स्थिति व कोविड पुनर्गठन जैसे मसलों पर शाइन जैकब से बात की। प्रमुख अंश…
क्या आपको कॉर्पोरेट ऋण मांग में बढ़ोतरी नजर आ रही है? बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के साथ क्या कॉर्पोरेट बैंकों के साथ चर्चा कर रहे हैं?
कॉर्पोरेट ऋण में कुछ सुधार आया है। पिछली तिमाही में हमने करीब 3,000 करोड़ रुपये दिए हैं। हमारे बैंक के खुदरा, कृषि व एमएसएमई (आरएएम) सेग्मेंट के ऋण में 11 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जिसमें खुदरा क्षेत्र में 13 प्रतिशत, कृषि क्षेत्र में 14 प्रतिशत और एमएसएमई में 6 प्रतिशत वृद्धि हुई है। कुल अग्रिम में हमारा आरएएम अग्रिम 61 प्रतिशत बढ़ा है। हमें सड़क, सीमेंट, टेक्सटाइल, स्टील व गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) सेक्टरों से प्रस्ताव मिल रहे हैं। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में हमारे पास एचएएम (हाइब्रिड एन्युटी मॉडल) परियोजनाएं हैं, क्योंकि ट्रैफिक के जोखिम को एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने उठाया है। कार्यशील पूंजी और पूंजीगत निवेश की जरूरतों के लिए हमारे पास उधारी लेने वाले आ रहे हैं। बॉन्ड यील्ड बढ़ रहा है, ऐसे में हम कॉर्पोरेट्स से बात कर रहे हैं। कॉर्पोरेट बॉन्डों व अन्य के तहत हमारा बकाया 1,340 करोड़ रुपये बढ़कर सितंबर 2021 के 10,912 करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2021 में 12,252 करोड़ रुपये हो गया है।
खराब कर्ज को लेकर आप कैसी स्थिति देख रहे हैं?
हमारी संग्रह कुशलता में सुधार हो रहा है। यह मार्च 2021 के 88 प्रतिशत से जून में 90 प्रतिशत, सितंबर में 93 प्रतिशत और दिसंबर 2021 में 94 प्रतिशत हो गया। बैंक का एसएमए (विशेष उल्लिखित खाते)1 और एसएमए-2 सितंबर 2021 में घटकर 6.21 प्रतिशत और दिसंबर में 5.01 प्रतिशत रह गया। कॉर्पोरेट सेग्मेंट में दबाव उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है और एमएसएमई कर्ज में दबाव थोड़ा कम हुआ है, लेकिन अभी भी बढ़े स्तर पर बना हुआ है। दिसंबर तिमाही में चूक 2700 करोड़ रुपये था, जिसमें से 955 करोड़ रुपये कॉर्पोरेट सेक्टर से था। अन्य प्रमुख चूक में एमएसएमई क्षेत्र है, जहां ऐसी राशि 896 करोड़ रुपये है। खुदरा क्षेत्र में चूक 600 करोड़ रुपये है, जिसमें शिक्षा क्षेत्र में 250 करोड़ रुपये और आवास ऋण में 250 करोड़ रुपये शामिल है।
दरों को लेकर क्या स्थिति नजर आ रही है, क्या आप पर बढ़ाने को लेकर दबाव है?
दिसंबर 2021 में इंडियन बैंक का एलसीआर (लिक्विडिटी कवरेज रेशियो) करीब 187 प्रतिशत है, जो पर्याप्त नकदी का संकेत है। इसलिए हमने अब तक ब्याज दरें नहीं बढ़ाई है। बहरहाल आगे चलकर इस सिलसिले में नकदी और बाजार धारणा के आधार पर फैसला किया जा सकता है।
कोविड पुनर्गठन की स्थिति और इससे जुड़े जोखिम के बारे में आपका क्या कहना है?
हमारा पुनर्गठन खाता 20,362 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 8,140 करोड़ रुपये छोटे व मझोले उद्यमों (एसएमई), 8,062 करोड़ रुपये खुदरा, 1,132 करोड़ रुपये कृषि और 3,028 करोड़ रुपये कॉर्पोरेट क्षेत्र का है। खुदरा और कॉर्पोरेट सेग्मेंट में कुछ खातों को छोड़कर नियमित भुगतान हो रहा है। एमएसएमई के पुनर्गठित खाते में चूक करीब 500 करोड़ रुपये की है। इस पोर्टफोलियो पर लगातार नजर रखी जा रही है।