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एजुकेशन लोन में तेजी लाएंगे बैंक

Last Updated- December 07, 2022 | 10:40 AM IST

वित्त मंत्रालय  के दबाव ने सार्वजनिक और प्राइवेट क्षेत्र के बैंकों को मजबूर किया है कि वो एजुकेशन लोन यानी शिक्षा के लिए दिए जाने वाले कर्जों में तेजी लाएं।


इस साल मार्च तक सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 28 बैंकों ने एजुकेशन लोन में कुल 40 फीसदी का विस्तार किया है। पिछले साल मार्च महीने में जहां आउटस्टैंडिंग एजुकेशन लोन कुल 14,214 करोड़ रुपये के थे वहीं इस साल मार्च तक कुल आउटस्टैंडिंग लोन 19,817 करोड़ रुपये के हैं।

प्राइवेट बैंकों के आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं पर इस कारोबार में छोटे खिलाड़ी भी युवा कर्जदारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस बारे में दक्षिण भारत स्थित प्राइवेट बैंक के क्रेडिट हेड का कहना है कि सामान्य बैंकिंग के अलावा कारोबार की तेजी के लिए वैल्यू-एैडेड सर्विसेज का भी बाजार है और इस फेहरिस्त में वैल्थ मैनेजमेंट के अलावा उच्च गुणवत्ता वाले स्किल्स हमारी कमाई को बेहतर करेंगे।

 इसके अलावा बैंकों को पिछले साल सरकार की ओर से टैक्स बेनिफिट भी मिला। जबकि पिछले के पिछले वित्तीय वर्ष में जिन विद्यार्थियों ने सीधे कर्ज लिया था,सिर्फ उन्हें ही टैक्स बेनिफिट मिल पाता था। जबकि उनके माता-पिता जो ज्यादातर मामलों में कर्जदार होते थे,उन्हें किसी प्रकार का टैक्स बेनिफिट नही  मिलता था। लेकिन सरकार ने पिछले साल इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन लाकर माता-पिता को भी टैक्स बेनिफिट का हिस्सेदार बना दिया। जबकि बैंक एडवायजरी सर्विस प्रदान कर स्रोतों को पाने,कर्जों के विस्तार करने समेत फी को एकत्र करने और इंट्रेस्ट इनकम की भी कमाई कर सकेंगे। 

कर्नाटक बैंक स्टूडेंट लोन का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा कारोबार करने में कर रहा है। मैंगलोर स्थित यह बैंक इस चैनल का इस्तेमाल विद्यार्थियों, रिश्तेदारों और दोस्तों के डिपॉजिट्स को आकर्षित करने मांग कर रहा है।  सिटी बैंक के चेयरमैन  एस. बालासुब्रह्मनयन   कहते हैं कि रोजगार के अवसर अच्छे खासे हैं और विद्यार्थियों को चौथे साल में ही रोजगार मिल रहें हैं। खासकर इंजीनियरिंग, सूचना तकनीकी जैसे व्यावसायिक कोर्स करने वालों को अच्छी सैलरियों पर नौकरियां मिल रहीं हैं।

लिहाजा रिपेमेंट रिकॉर्ड भी बेहतर हैबैंकों को केवल यह सुनिश्चित करना होता है कि कर्ज लेने वाले का डयू डिलिजेंस सही है कि नही। बैंक इसके लिए संस्थानों के जरिए विद्यार्थियों को कर्जे मुहैया करवाते हैं जिससे विद्यार्थियों की पृष्ठभूमि का पता बैंक को लग जाता है। रिटर्नस के बारे में सुब्रह्मनयन कहते हैं कि एजुकेशन लोन 10.5 से 11.5 फीसदी के दर पर मिलते हैं जो पीएलआर कहीं कम है। लिहाजा रिटर्नस नेगेटिव तो नही है लेकिन बैड लोन जरूर हैं।

कर्नाटक बैंक के सीईओ के.अनंतकृष्णन ने बताया कि हमारे बैंक के पास साल 2001 में भी लोन से संबंधित योजना थी मगर लेंडिंग गतिविधियों में तेजी साल 2005-06 से ही आई। हमारे बैंक के आउटस्टैंडिंग लोन मार्च 2008 तक कुल 57 करोड़ रुपये थे।

First Published - July 10, 2008 | 10:47 PM IST

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