facebookmetapixel
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीदNDA सांसदों से PM मोदी का आह्वान: सांसद स्वदेशी मेले आयोजित करें, ‘मेड इन इंडिया’ को जन आंदोलन बनाएंBRICS शिखर सम्मेलन में बोले जयशंकर: व्यापार बाधाएं हटें, आर्थिक प्रणाली हो निष्पक्ष; पारदर्शी नीति जरूरी

नियमों में बदलाव से बैंकों को 84,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत: SBI अर्थशास्त्री

रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों और एनबीएफसी के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज, क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियम को सख्त कर दिया।

Last Updated- November 18, 2023 | 9:28 AM IST
SBI
Representative Image

भारतीय रिजर्व बैंक के असुरक्षित माने जाने वाले कर्ज के लिये नियम सख्त करते हुए जोखिम भार बढ़ाये जाने से बैंकों को 84,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही है।

रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज, क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियम को सख्त कर दिया।

संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई। अर्थशास्त्रियों ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि चूंकि प्रमुख नीतिगत दर रेपो उच्चस्तर पर पहुंच चुकी है, ऐसे में आरबीआई वृद्धि और मुद्रास्फीति को लेकर तय लक्ष्यों को हासिल करने के लिये नकदी प्रबंधन और सूझबूझ वाले वृहद आर्थिक उपायों का सहारा ले रहा है।

यह भी पढ़ें : बैंकों के पूंजी पर्याप्तता अनुपात पर असर: एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘बढ़े हुए जोखिम भार का तत्काल प्रभाव यह होगा कि बैंकों को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। हमारा अनुमान है कि बैंक उद्योग को इससे 84,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी।’’

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जोखिम भार बढ़ाने के निर्णय के जरिये संभवत: आरबीआई ने एक मजबूत संदेश दिया है। इसके जरिये उसने संदेश दिया है कि वह किसी भी शुरुआती वित्तीय स्थिरता को लेकर जोखिम से निपटने को लेकर पूरी तरह से तैयार है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरबीआई ने जो कदम उठाया है, वह बैंकों और एनबीएफसी में संपत्ति के मोर्चे पर दबाव और उससे नुकसान की पहचान की दिशा में उठाये जा रहे कदमों के अनुरूप है।

First Published - November 18, 2023 | 9:28 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट