खुदरा जमा जुटाने पर बढ़ते दबाव के बीच अमीर लोगों (एचएनआई) से टिकाऊ धन जुटाने के मकसद से बैंक ऑफ इंडिया अपनी 5,200 शाखाओं के नेटवर्क में से 1,000 शाखाओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेगा। यह मार्च 2026 तक जमा को विस्तार देने और धन प्रबंधन व्यवसाय स्थापित करने की बैंक की योजना का हिस्सा है।
मुंबई के सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक इस वित्त वर्ष में कस्बाई इलाकों में 200 नई शाखाएं भी खोलेगा, यह संसाधन जुटाने की प्रक्रिया तेज करने की उसकी 5 बिंदु की योजना में शामिल है।
बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी रजनीश कर्नाटक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि बैंक इन शाखाओं में 10 लाख रुपये तक के बैलेंस वाले ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करेगा, ताकि जमा बढ़ाने के साथ ऋण उत्पाद तथा निवेश उत्पाद बेचे जा सकें।
बैंक के 11 करोड़ ग्राहक हैं, लेकिन प्रोडक्ट की प्रति ग्राहक बिक्री 1.4 है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को शामिल करने की बहुत ज्यादा संभावना है और बैंक ने अगले 12 महीनों में यह स्तर प्रति ग्राहक 2 तक ले जाने की योजना बनाई है।
सितंबर तक बैंक का कुल जमा सालाना आधार पर 10.15 प्रतिशत बढ़कर 7.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में जमा में 13 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। सितंबर 2024 तक घरेलू कारोबार में कम लागत वाले जमा चालू खाता और बचत खाता (कासा) की हिस्सेदारी पिछले साल की तुलना में घटकर 43.13 प्रतिशत हो गई है। बहरहाल खुदरा सावधि जमा की हिस्सेदारी सितंबर में बढ़कर 45.04 प्रतिशत हो गई है, जो 44.39 प्रतिशत थी।
मूल्यवर्धन पर नजर
एचएनआई की सेवाओं के लिए शाखाएं तैयार करना संपत्ति प्रबंधन के कारोबार का शुरुआती कदम है। इसे बीओआई शेयरहोल्डिंग लिमिटेड का समर्थन मिलेगा, जो बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है। यह डिपॉजिटरी के ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करेगी तथा वित्तीय सेवाओं के लिए वेब-आधारित प्रौद्योगिकी संबंधी सहायता प्रदान करेगी। बैंक इसके लिए बाजार से जुड़े भुगतान के आधार पर निजी क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों की भर्ती कर रहा है। इस समय टीम का आकार 250 लोगों का है और कर्नाटक ने कहा कि अगले 12 महीने में और 3,000 लोगों को भर्ती किए जाने की योजना है।
सरकारी बैंक के अधिकारियों ने कहा कि इस कारोबार में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इसके लिए वातावरण तैयार करना, गुणवत्तायुक्त सेवाओं के प्रबंधन और ग्राहकों की आशाओं के अनुरूप सेवाएं देना संपत्ति प्रबंधन के कारोबार में प्रमुख चुनौतियां हैं। भारतीय स्टेट बैंक संपत्ति प्रबंधन कारोबार कर रहा है। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके ग्राहकों की संख्या 4.3 लाख है और प्रबंधन के तहत संपत्ति 3.39 लाख करोड़ रुपये है।
सहायक इकाइयों के कारोबार में वृद्धि और संपत्ति प्रबंधन को विस्तार देने के विचार को ध्यान में रखते हुए बैंक ऑफ इंडिया अपनी म्युचुअल फंड यूनिट बीओआई इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड की गतिविधियां बढ़ा रहा है। कर्नाटक ने कहा कि एमएफ यूनिट की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन बैंक ने कारोबार बढ़ाने के लिए संयुक्त उद्यम साझेदारी या अधिग्रहण के विकल्प खुला रखा है।
बीओआई-एमएफ की प्रबंधन के तहत संपत्ति मार्च 2023 के 3,780 करोड़ रुपये से बढ़कर 31 मार्च 2024 को 7,008 करोड़ रुपये हो गई है। अक्टूबर 2024 के आखिर में एयूएम और बढ़कर 11,340 करोड़ रुपये हो गया है। साथ ही इसकी सभी योजनाओं में निवेशकों की संख्या मार्च 2023 के 3.2 लाख की तुलना में मार्च 2024 में 4.4 लाख और अक्टूबर 2024 के आखिर में 6.4 लाख हो गई है। सरकारी बैंकों द्वारा प्रवर्तित म्युचुअल फंडों में एसबीआई फंड्स, बीओबी म्युचुअल फंड, केनरा रोबेको, यूनियन बैंक एमएफ शामिल हैं।