बेंगलूरू की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) नावी फिनसर्व ने 100 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की योजना रद्द कर दी है। इसकी बोली सोमवार को प्रस्तावित थी। मामले से जुड़े 2 सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सचिन बंसल समर्थित नावी फिनसर्व ने घरेलू ऋण पूंजी बाजार से 100 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। इन बॉन्डों की परिपक्वता अवधि 27 महीने थी। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने इन बॉन्डों के लिए ‘ए’ रेटिंग की थी।
असल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ज्यादा ऋण वसूलने के कारण नावी फिनसर्व व 2 सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) सहित 3 अन्य एनबीएफसी पर पिछले सप्ताह ऋण मंजूर करने व जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बाद नावी फिनसर्व का यह कदम सामने आया है।
अन्य 3 इकाइयों में आशीर्वाद माइक्रोफाइनैंस, आरोहण फाइनैंशियल सर्विसेज (एमएफआई भी) और डीएमआई फाइनैंस शामिल हैं, जो व्यक्तिगत, खपत और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को कर्ज देती हैं।
नावी फिनसर्व के उधारी के प्रमुख शोभित अग्रवाल ने कहा, ‘नावी फिनसर्व नकदी की बेहतर स्थिति बरकरार रखती है। सावधानी से विचार के बाद हमने तय किया है कि अभी तत्काल किसी बाहरी वित्तपोषण की जरूरत नहीं है।’
नावी फिनसर्व एक डिजिटल फर्स्ट एनबीएफसी है। यह व्यक्तिगत एवं आवास ऋण मुहैया कराती है। कंपनी आपातकालीन मेडिकल व्यय और कम अवधि की कारोबारी जरूरतें भी पूरी करती है। यह फर्म सचिन बंसल समर्थित है, जो ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट के सह संस्थापक हैं।
वहीं नावी ने कहा है कि वह अनुपालन के उच्च स्तर, ग्राहक सेवा और पारदर्शिता के उच्च मानकों के साथ कारोबार के संचालन के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘कंपनी रिजर्व बैंक से मिले निर्देशों की समीक्षा कर रही है और हम उनके साथ मिलकर काम करेंगे। हम सभी चिंताओं का तेजी से और पूरी तरह समाधान करेंगे।’