भारत में संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों ने जून 2025 को समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ 16,876 करोड़ रुपये के फंसे हुए ऋणों का अधिग्रहण किया। एसोसिएशन ऑफ एआरसी इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून 2024 (वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही) में 13,852 करोड़ रुपये के फंसे हुए ऋणों में गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) और 90 दिनों से अधिक फंसे हुए ऋण शामिल हैं।
इस एसोसिएशन ने सिस्टम में बढ़ते हुए फंसे ऋणों के जोखिम को उजागर किया। अमेरिका के उच्च शुल्क थोपे जाने से भारत से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर प्रभाव पड़ने से फंसे हुए ऋणों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।
उन्होंने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 19.3 प्रतिशत वृद्धि के साथ 4,388 करोड़ रुपये की सिक्यूरिटी रिसीट (एसआर) जारी की थीं। उन्होंने वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 3,678 करोड़ रुपये की एसआर जारी की थीं। पहली तिमाही में एसआर से धन प्राप्त करने की दर सालाना आधार पर 22 प्रतिशत अधिक थी।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में निरपेक्ष रूप से एसआर से निरपेक्ष रूप से हासिल की गई राशि 7,725 करोड़ रुपये थी और यह बीते साल के 6,310 करोड़ रुपये से अधिक थी। इससे प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) माने जाने वाले बकाया एसआर जून 2025 की समाप्त पर घटकर 1.30 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि यह जून 2024 में 1.36 लाख करोड़ रुपये था।