हरियाणा का विधान सभा चुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है। लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां दलबदलुओं को मैदान में उतार रही हैं। कुश्ती और कबड्डी जैसे खेलों के शीर्ष खिलाड़ी भी चुनावी अखाड़े में उतारे जा रहे हैं। यही नहीं, राजनेताओं की अगली पीढ़ी जहां चुनावी राजनीति का ककहरा सीखने के लिए तैयार है, वहीं पार्टियां चचेरे-तहेरे भाइयों समेत परिवार के अन्य सदस्यों को एक-दूसरे के खिलाफ टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना रहे हैं। राज्य में नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है। मतदान 5 अक्टूबर को होगा।
राज्य में बुधवार को कई प्रमुख उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हैं, जो रोहतक की गढ़ी सापला-किलोई सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र बहुत जल्द जारी किया जाएगा। इसमें बुढ़ापा पेंशन बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रतिमाह की जाएगी। इसके अलावा, यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो रसोई गैस सिलिंडर 500 रुपये में मिलेगा और 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में राज्य में प्रति व्यक्ति आय गिरी है। साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ गई है।
ओलिंपियन विनेश फोगाट ने भी बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। वह जींद की जुलाना सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ पूर्व पायलट योगेश बैरागी को उतारा है। जुलाना विनेश के पति सोमवीर राठी का गृह नगर है।
जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आजाद समाज पार्टी के गठबंधन ने अपने प्रत्याशियों की एक और सूची जारी की है। गठबंधन ने रानिया सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को समर्थन का भी ऐलान किया। जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला रणजीत के चचेरे भाई के बेटे हैं। रणजीत ने टिकट नहीं मिलने के कारण हाल ही में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर रानिया से जीत दर्ज की थी। इस साल हुए लोक सभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हो गए और हिसार संसदीय सीट से लोक सभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा था।
नामांकन दाखिल करने वाले अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, पूर्व मंत्री अनिल विज और कांग्रेस के ब्रिजेंद्र सिंह शामिल हैं। ब्रिजेंद्र सिंह उचाना कलां सीट से दुष्यंत चौटाला के खिलाफ मैदान में हैं। ब्रिजेंद्र पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। बीरेंद्र ने वर्ष 2014 में भाजपा का दामन थाम लिया था, लेकिन 2024 के लोक सभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में लौट आए थे। उन्होंने 2019 का लोक सभा चुनाव हिसार से भाजपा के टिकट पर जीता था।
गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव भाजपा की तरफ से अटेली सीट से मैदान में हैं। हाल ही में भाजपा में शामिल होने वाली शक्ति रानी शर्मा ने भी बुधवार को कालका सीट से अपना नामांकल दाखिल किया। वह राज्य सभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा की मां और पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी हैं। अपनी अलग राह चुनते हुए विनोद शर्मा ने 2014 में अपनी अलग पार्टी हरियाणा जन चेतना पार्टी बना ली थी, लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली थी।
अब तक भाजपा 90 सीटों वाली विधान सभा के लिए 87 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। पार्टी ने अपने 14 विधायकों का टिकट काट दिया है। पिछले चुनाव में पार्टी ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था, इस बार संख्या 2 घटकर 10 रह गई है। पार्टी ने 10 दलबदलुओं को भी टिकट दे दिया है। इनमें बहुत से वे हैं, जो हाल के दिनों में जजपा छोड़ कर भाजपा में आए हैं।
दलबदलुओं में श्रुति चौधरी भी शामिल हैं, जो 2009 में कांग्रेस के टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव लड़ी थीं। वह पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की पोती और किरन चौधरी की बेटी हैं। उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था, जिन्हें पार्टी ने राज्य सभा सांसद बना दिया है। श्रुति के सामने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अनिरुद्ध भिवानी के तोशाम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।