मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र विदिशा के लिए द्वितीय श्रेणी के डिब्बे में ट्रेन से यात्री की जिसे वह प्यार से अपनी “कर्मभूमि” कहते हैं। भोपाल से गंजबासौदा तक अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान चौहान ने साथी यात्रियों के साथ बातचीत की, उनसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और उनकी परेशानियों को सुना।
गंजबासौदा विदिशा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है और इस सीट से वह चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वह लंबे समय के बाद रेल से अपने निर्वाचन क्षेत्र जा रहे हैं। अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ यात्रा कर रहे चौहान ने कहा, ‘‘ मैं तब से ट्रेन से यात्रा कर रहा हूं जब मैं सांसद था। मेरा दिल खुशी से भर गया है। मैं गंज बासौदा जा रहा हूं, जो मेरी कर्मभूमि है।
लोगों के साथ मेरे पारिवारिक संबंध हैं और मैं उन सभी से मिलने के लिए फिर वहां जा रहा हूं। ’’ चौहान (65) दो दशकों के बाद लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे हैं और विदिशा से अपना छठा संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट पहले भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी (1991) और सुषमा स्वराज (2009 और 2014) के पास थी।
अपनी राजनीतिक यात्रा पर विचार करते हुए, चौहान ने एक विधायक के रूप में अपनी शुरुआत, उसके बाद सांसद बनने तक की यादें ताजा कीं। मुख्यमंत्री के रूप में उनका 18 वर्षों का प्रभावशाली कार्यकाल रहा। चौहान ने कहा, ..राज्य के लोगों के साथ मेरा दिलों का रिश्ता है। भले ही नए क्षेत्र (विदिशा के साथ) जुड़ें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि लोगों का प्यार और विश्वास मेरे साथ है।
मेरा जीवन उन्हीं को समर्पित है कोई चुनौती नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका भले ही बदल गई हो लेकिन लोग पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा, “सांसद भी यहीं रहेंगे। हम मिशनरी कार्यकर्ता हैं, जिसका मतलब है कि राष्ट्र का पुनर्विकास भाजपा का मिशन है और हमने पार्टी और राष्ट्र के लिए काम करने का फैसला किया है।”
चौहान ने कहा कि पार्टी ने मिशन निर्धारित किया है और वह उसी के अनुसार काम कर रहे हैं। भोपाल-बिलासपुर यात्री गाड़ी के शयन श्रेणी में सामान्य यात्री के तौर पर यात्रा करते समय चौहान कहा, ‘‘ पार्टी ने मुझे जो भी बनाया, विधायक से लेकर सांसद और 18 साल तक मुख्यमंत्री बनाया, मैंने दिन-रात जनता के लिए काम किया है।
अब पार्टी ने मुझे एक सांसद के रूप में चुनाव लड़ने के लिए कहा है और मैं लोगों की सेवा करने के लिए ऐसा करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें काम करने का मौका मिला तो उन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम किया और इसलिए ‘लाडली लक्ष्मी’ और ‘लाडली बहना’ जैसी योजनाएं लागू की गईं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी जी के नेतृत्व में फिर से ऐसा करना जारी रखूंगा।’’ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रेन से यात्रा करने और आम नागरिकों से जुड़ने का चौहान का निर्णय जमीनी स्तर की राजनीति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उन लोगों से सीधे जुड़ने की उनकी इच्छा को रेखांकित करता है जिनकी वह सेवा करते हैं।
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके सहयोगी दल काम और नीतियों के आधार पर एक साथ नहीं हैं बल्कि यह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने की साझा आशंका पर आधारित है। चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी रुख को विपक्ष की कथित भ्रष्ट प्रथाओं से बिल्कुल अलग बताया।
उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘ ये वंशवादी, समान हितों वाले भ्रष्ट लोग मोदी जी से डरते हैं क्योंकि वह हमेशा कहते हैं कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा। इसलिए, यह गठबंधन आकार लेने से पहले ही बिखर गया है।’’ उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भी कटाक्ष किया और कहा कि इसने अनजाने में वरिष्ठ कांग्रेस सदस्यों को भाजपा के प्रति निष्ठा बदलने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी यात्रा कांग्रेस छोड़ो यात्रा में बदल गयी। मुझे लगता है कि उनकी मानसिक परिपक्वता बहुत कम है। वह देश, यहां के लोगों, परंपराओं और मूल्यों को नहीं समझते हैं। वह भारत की राजनीति और यहां के लोगों को नहीं जानते। इसलिए कांग्रेस टूट रही है।’’