हरियाणा में लोक सभा चुनाव के दौरान राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गई है। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य की नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है, इसलिए उसे फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से शक्ति परीक्षण कराने की मांग की है।
चौटाला ने पत्र में कहा कि यदि कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो उनकी पार्टी समर्थन करेगी। एक दिन पहले चौटाला ने कहा था कि यदि कांग्रेस नायब सरकार को हटाना चाहती है तो वह उसके साथ है। बीते मंगलवार को 3 निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंडर (निलोखेड़ी) ने सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था।
चौटाला ने अपने पत्र में लिखा है, ‘राज्य की गंभीर स्थिति को देखते हुए यहां स्थायित्व लाने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की सख्त जरूरत है। मैं सम्मानपूर्वक आपसे अनुरोध करता हूं कि अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दें, ताकि सुनिश्चित हो जाए कि सरकार के पास बहुमत है या नहीं।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी शक्ति परीक्षण कराने की मांग करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। कांग्रेस के पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद और मुख्य सचेतक बीबी बत्रा एवं पार्टी के अन्य नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल 10 मई को राज्यपाल से मिलना चाहता है।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि हरियाणा में कांग्रेस के अधिकतर वरिष्ठ नेता इस समय सरकार बनाने के लिए इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि अगले विधान सभा चुनाव में कुछ ही महीने का समय बचा है।