लोकसभा चुनाव

चुनाव नतीजों से पहले ही क्यों सूरत लोकसभा सीट जीत गई भाजपा, कौन हैं सांसद मुकेश दलाल

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भानी का नामांकन रद्द कर दिया गया, जिसके बाद बाकी बचे कैंडिडेट्स ने भी विरोध में अपना नाम वापस ले लिया।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- April 23, 2024 | 10:27 AM IST

Surat Lok Sabha Seat: ऐसा बहुत ही कम होता है जब किसी उम्मीदवार को चुनाव नतीजों से पहले ही गले में जीत की माला पहना दी जाती हो। लेकिन, आज ऐसा गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर देखने को मिला। यहां से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल 8 उम्मीदवारों के मैदान से पीछे हटने के बाद निर्विरोध निर्वाचित हुए। अब सवाल यह उठता है कि आखिर 8 उम्मीदवार मैदान से पीछे क्यों हट गए। ऐसा क्या हुआ कि मुकेश दलाल निर्विरोध नेता के रूप में चुनाव परिणाम से पहले ही सांसद बन गए, क्या INDIA गठबंधन भी उनके खिलाफ नहीं लड़ सका ? तो आइये जानते हैं उस सीट से जुड़ा पूरा मामला, जहां कांग्रेस से जीतकर मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने तो वहीं 1989 के बाद से भाजपा लगातार इस सीट पर जीत दर्ज करती गई।

क्यों जीते मुकेश दलाल

दरसअल, गुजरात की लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भानी (Nilesh Kumbhani) का नामांकन रद्द कर दिया गया, जिसके बाद बाकी बचे कैंडिडेट्स ने भी विरोध में अपना नाम वापस ले लिया। सभी उम्मीदवारों के पीछे हटने की वजह से सांसद मुकेश दलाल जीत हासिल कर ले गए। नामांकन वापस लेने वाले लोगों में ज्यादातर निर्दलीय और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्यारेलाल भारती शामिल थे।

सूरत सीट से कांग्रेस के नीलेश कुंभानी की उम्मीदवारी रविवार को खारिज कर दी गई थी क्योंकि जिला रिटर्निंग अधिकारी (DRO) ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में खामियां पाई थीं। भाजपा ने उनके प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल किया था। कुम्भानी चुनाव अधिकारी के सामने अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को पेश नहीं कर सके, जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने उनके नामांकन को रद्द कर दिया।

दलाल का नामांकन खारिज होने के बाद कांग्रेस ने उनकी जगह पर सुरेश पडसाला को उम्मीदवार बनाना चाहा, मगर चुनाव अधिकारी की तरफ से उनका भी नामांकन अमान्य कर दिया गया।

भाजपा ने कहा- सूरत ने दिया पहला कमल

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, ‘सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल दिया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से हमारे उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध चुने जाने पर बधाई देता हूं।’

कौन हैं मुकेश दलाल?

सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की पहली जीत दर्ज करने वाले मुकेश दलाल का भाजपा से साल 1981 से रिश्ता है। वह मौजूदा समय में भाजपा के पार्टी महासचिव हैं औऱ प्रदेश अध्यक्ष पाटिल के काफी करीबी माने जाते हैं।

सूरत लोकसभा निर्विरोध जीते मुकेश दलाल सूरत बीजेपी के महासचिव है। मोढ वणिक समुदाय से आने वाले मुकेश दलाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के विश्वस्त माने जाते हैं। वह वर्तमान में SDCA (सूरत डिस्ट्रक्ट क्रिकेट एसोशिएसन) की मैनेजेंग कमेटी के मेंबर भी हैं। दलाल सूरत नगर निगम (SMC) के पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष भी रह चुके हैं। दलाल SMC में 3 बार पार्षद, 5 बार स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे।

दलाल को दिया गया जीत का सर्टिफिकेट

मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद वहां के चुनाव अधिकारी ने उन्हें जीत का सर्टिफिकेट दिया। बता दें कि गुजरात में कुल 26 लोकसभा सीटें हैं, जिनपर 7 मई, 2024 को चुनाव होने हैं। चूंकि, सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा अपना कब्जा जमा चुकी है तो ऐसे में बाकी बची 25 लोकसभा सीटों पर 7 मई को चुनाव होंगे।

भाजपा युवा मोर्चा में कर चुके हैं काम

बता दें कि मुकेश दलाल भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश स्तर पर काम कर चुके हैं। दलाल सूरत पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन यानी बू कॉम और एलएलबी, एमबीए फाइनेंस की पढ़ाई की है।

कैसे रद्द हुआ कांग्रेस नेता नीलेश कुम्भानी का नामांकन

नीलेश कुम्भानी के प्रस्तावकों में उनके बहनोई जगदीश सावलिया, भांजे ध्रुविन धावलिया और भागीदार रमेश पोलरा के होने का दावा किया गया था, जिसके बाद वे कल चुनाव अधिकारी के सामने पेश हुए और अपने एफिडेविट में कहा कि यह उनके हस्ताक्षर नहीं हैं और फिर तीनों वहां से गायब हो गए।

हालांकि, चुनाव अधिकारी ने प्रस्तावकों के एफिडेविट की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है। बताया जा रहा है कि चुनाव अधिकारी ने कुम्भानी को अपना जवाब देने के लिए एक दिव का समय दिया था, वे अपने वकील के साथ अधिकारी को जवाब देने भी पहुंचे, लेकिन प्रस्तावकों में से कोई वहां मौजूद होकर उनके पक्ष में बयान नहीं दे सका।

7 मई को होना था सूरत लोकसभा सीट पर चुनाव, कांग्रेस ने कहा- मैच फिक्सिंग

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने सूरत में मुकेश दलाल की जीत को मैच फिक्सिंग बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘सूरत जिला चुनाव अधिकारी ने सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया है। कारण ‘तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में खामी’ बताया गया है। कुछ इसी तरह का कारण बताकर अधिकारियों ने सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला के नामांकन को ख़ारिज कर दिया। कांग्रेस पार्टी बिना उम्मीदवार के रह गई है। 7 मई 2024 को मतदान से लगभग दो सप्ताह पहले ही 22 अप्रैल, 2024 को सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार को ‘निर्विरोध’ जिता दिया गया।’

जयराम ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के अन्याय काल में MSME मालिकों और व्यवसायियों की परेशानियों एवं गुस्से को देखते हुए भाजपा इतनी बुरी तरह से डर गई है कि वह सूरत लोकसभा के ‘मैच को फ़िक्स” करने का प्रयास कर रही है। इस सीट को वे लोग 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार जीतते आ रहे हैं!’

First Published : April 22, 2024 | 4:38 PM IST