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Lok Sabha Elections 2024: छठे चरण में पिछड़ा वर्ग निभाएगा अहम भूमिका, UP में NDA और INDIA के बीच घमासान तेज

इंडिया गठबंधन ने पिछड़ों की बहुलता वाली इन सीटों पर संविधान, आरक्षण व कम प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दे और जोर-शोर से उठाना शुरु कर दिया है।

Last Updated- May 23, 2024 | 1:06 PM IST
Backwards to play crucial role in sixth phase of LS polls going to poll on May 25 लोक सभा चुनाव के छठे चरण में पिछला वर्ग निभाएगा अहम भूमिका, NDA और विपक्षी दलों में घमासान तेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बस्ती में लोकसभा चुनाव के लिए एक सार्वजनिक बैठक के दौरान

Lok Sabha Elections 2024, Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में छठे चरण की 14 लोकसभा सीटों पर पिछड़ी जातियों के वर्चस्व को देखते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच घमासान तेज हो गया है। इन सीटों पर पिछड़े मतदाताओं के प्रभाव को देखते हुए एनडीए की सहयोगी छोटी पार्टियों की भी अग्निपरीक्षा है जो अलग-अलग जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

इनमें निषाद, मल्लाह या केवटों में प्रभाव रखने वाली निषाद पार्टी, राजभर बिरादरी में असर वाली सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), कुर्मी जाति की बहुलता वाती अपना दल, कुशवाहा, कोइरी समाज की पार्टी महान दल तो नोनिया बिरादरी की जनवादी क्रांति पार्टी शामिल है।

हालांकि इस बार संविधान, आरक्षण बचाने के नाम पर दलितों व पिछड़ों में पनपी नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने इनमें से ज्यादा दलों को अपने पाले में कर लिया है पर विपक्षी इंडिया गठबंधन ने टिकट बंटवारे में सोशल इंजीनियरिंग कर कई सीटों पर तगड़ी चुनौती पेश की है। इस चरण में भाजपा ने अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी को एक संतकबीरनगर की सीट दी है तो इंडिया गठबंधन में सपा ने तृणमूल कांग्रेस को भदोही व कांग्रेस को इलाहाबाद की सीट लड़ने के लिए दी है।

छठे चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में मतदान होना है। इनमें से इंडिया गठबंधन की ओर से 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही सपा ने केवल एक डुमरियागंज में ही अगड़ी जाति का प्रत्याशी उतारा है बाकी सभी सीटों पर उसने पिछड़ों व दलितों को टिकट दिया है। वहीं एनडीए में 12 सीटें लड़ रही भाजपा ने सात सीटों पर अगड़ी जातियों के प्रत्याशी खड़े किए हैं। मछलीशहर और लालगंज सुरक्षित सीटों को छोड़ दें तो भाजपा ने केवल भदोही, आजमगढ़ और प्रतापगढ़ में ही पिछड़ी जातियों को टिकट दिया है।

छठे चरण में पिछड़ें के असर को देखते हुए भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार के बड़े पैमाने पर सहयोगी दलों के पिछड़े नेताओं के साथ ही अपनी पार्टी के भी इस वर्ग के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों व नेताओं का प्रयोग किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को चुनाव प्रचार के लिए यादव बहुत जौनपुर, आजमगढ़, फूलपुर में लाया गया है तो निषाद बहुत सुल्तानपुर, भदोही व अंबेडकरनगर में निषाद पार्टी के डॉ संजय निषाद, राजभरों की अधिक तादाद वाले आजमगढ़, लालगंज, जौनपुर, मछलीशहर व बस्ती में ओमप्रकाश राजभर की सभाएं आयोजित की जा गई हैं।

जौनपुर जहां इंडिया गठबंधन ने मौर्य-कुशवाहा समुदाय के प्रभावी नेता बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है वहां भाजपा ने महानदल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य की सभाएं आयोजित की गयी हैं। पहले इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहे जनवादी क्रांति पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान को एनडीए ने अपने पाले में लाने में सफलता प्राप्त की है और अब उनकी सभाएं नोनिया बिरादरी की अच्छी तादाद वाली सीटों लालगंज, भदोही, जौनपुर, संतकबीरनगर व आजमगढ़ में कराई गयी हैं।

उधर इंडिया गठबंधन ने पिछड़ों की बहुलता वाली इन सीटों पर संविधान, आरक्षण व कम प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दे और जोर-शोर से उठाना शुरु कर दिया है।

First Published - May 22, 2024 | 9:07 PM IST

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