थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर मई में अवस्फीति के क्षेत्र में चली गई है और यह 36 माह के निचले स्तर पर है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में थोक महंगाई -3.48 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में -0.92 प्रतिशत पर थी।
वित्त वर्ष 24 में लगातार दूसरे महीने थोक महंगाई ऋणात्मक रही है, जिसकी प्रमुख वजह पिछले साल का उच्च आधार और खनिज तेल, मूल धातुओं, खाद्य उत्पादों, टेक्सटाइल्स, गैर खाद्य वस्तुओं, रासायनिक उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में गिरावट है।
मई 2022 में थोक महंगाई दर 16.63 प्रतिशत थी। इसके पहले यह मई 2020 में -3.37 प्रतिशत थी। आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्मित वस्तुओं (-2.97 प्रतिशत) में मई में और संकुचन आया है, जो अप्रैल में -2.47 प्रतिशत था। बेवरिज, अपैरल, सीमेंट और खनिज उत्पादों के दाम में गिरावट के कारण ऐसा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ रसायन (-4.63 प्रतिशत), टेक्सटाइल (-8.28 प्रतिशत), विनिर्मित खाद्य उत्पाद (-6.85 प्रतिशत), वसा (-29.54 प्रतिशत, मूल धातुओं (-9.8 प्रतिशत), कागज उत्पाद (-6.33 प्रतिशत) और रबर उत्पाद (-3.03 प्रतिशत) की कीमत में एक साल पहले की तुलना में मई में संकुचन आया है।
केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि थोक मूल्य में मई महीने में लगातार संकुचन जारी रहने की मुख्य वजह शिपिंग उत्पादों का अवस्फीति की स्थिति में जाना है। उन्होंने कहा, ‘ईंधन और बिजली की श्रेणी में तेज गिरावट की वजह से संकुचन आया है। खनिज तेज के दाम गिरे हैं और जिंसों के वैश्विक दाम कम होने की वजह से कुल मिलाकर विनिर्मित वस्तुओं के दाम कम हुए हैं।’
ईंधन और बिजली की कीमतों में अप्रैल में तेज गिरावट आई है और यह अप्रैल के 0.93 प्रतिशत की तुलना में -9.17 प्रतिशत पर पहुंच गया है। एलपीजी (-24.35 प्रतिशत), पेट्रोल (9.45 प्रतिशत) और हाईस्पीड डीजल (-17.03 प्रतिशत) की वजह से ऐसा हुआ है।
हालांकि विनिर्मित खाद्य वस्तुओं के अलावा खाद्य उत्पादों में की कीमत में गिरावट आई है और अप्रैल के 3.54 प्रतिशत की तुलना में यह 1.51 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं तमाम वस्तुओं जैसे धान (7.33 प्रतिशत), मोटे अनाज (6.89 प्रतिशत), गेहूं (6.15 प्रतिशत), दूध (6.83 प्रतिशत) और दालों (5.76 प्रतिशत) की कीमत बढ़ी हुई बनी है।
वहीं दूसरी तरफ सब्जियों (-20.12 प्रतिशत), प्याज (-7.25 प्रतिशत) और आलू (-18.71 प्रतिशत) की कीमत एक साल पहले की तुलना में मई में कम हुई है। एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद ने कहा कि ज्यादातर वस्तुओं की कीमत कम हो रही है, लेकिन थोक महंगाई और खुदरा महंगाई दर में अंतर बना हुआ है।