facebookmetapixel
Bihar Elections 2025: महागठबंधन का घोषणा पत्र, परिवार के एक सदस्य को नौकरी; शराबबंदी की होगी समीक्षासर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा अनौपचारिक नौकरियां, कम वेतन के जाल में फंसे श्रमिकदिल्ली में बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग, 15 मिनट से 4 घंटे के भीतर बादल बरसने की उम्मीद8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, 18 महीने में देगा सिफारिश; 50 लाख कर्मचारियों को होगा लाभडीएपी और सल्फर पर बढ़ी सब्सिडी, किसानों को महंगे उर्वरकों से मिलेगी राहतरिलायंस जल्द करेगी जियो आईपीओ का रोडमैप फाइनल, आकार और लीड बैंकर पर निर्णय साल के अंत तक!आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को राहत, एनसीएलएटी ने ईजीएम पर रोक से किया इनकारQ2 Results: टीवीएस मोटर का मुनाफा 42% बढ़ा, रेमंड रियल्टी और अदाणी ग्रीन ने भी दिखाया दम; बिड़ला रियल एस्टेट को घाटाBS BFSI 2025: आ​र्थिक मुद्दों पर बारीकी से मंथन करेंगे विशेषज्ञ, भारत की वृद्धि को रफ्तार देने पर होगी चर्चाईवी तकनीक में कुछ साल चीन के साथ मिलकर काम करे भारत : मिंडा

WPI Inflation: थोक महंगाई में मामूली कमी, जनवरी में मामूली घटकर 2.31 प्रतिशत; क्या रहे बड़े कारण

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी में घटकर 5.88 प्रतिशत रह गई।

Last Updated- February 14, 2025 | 10:47 PM IST
Retail Inflation
प्रतीकात्मक तस्वीर

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर जनवरी में मामूली घटकर 2.31 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर में 2.37 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य कीमतों में कमी और ईंधन के दाम में गिरावट जारी रहने के कारण ऐसा हुआ है। 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी में घटकर 5.88 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर में 8.47 प्रतिशत थी।  सब्जियों (8.35 प्रतिशत), धान (6.22 प्रतिशत) और प्रोटीन वाले खाद्य जैसे अंडा, मांस और मछली (3.56 प्रतिशत) की कीमत में कमी के कारण ऐसा हुआ है।  आलू की कीमत (74.28 प्रतिशत) कम हुई है, लेकिन इसके दाम अभी भी अधिक बने हुए हैं। वहीं दूसरी ओर खाद्य वस्तुओं जैसे मोटे अनाज (7.33 प्रतिशत), गेहूं (9.75 प्रतिशत), दलहन (5.08 प्रतिशत), प्याज (28.33 प्रतिशत) और दूध (2.69 प्रतिशत) की कीमत इस महीने के दौरान बढ़ी है। 

केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि नई फसल आने से खाद्य कीमतों में मौसमी सुधार आया है और खरीफ के बेहतर उत्पादन और रबी की बोआई में अच्छी प्रगति के कारण कृषि का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है।  उन्होंने कहा, ‘आने वाले महीनों में भी खाद्य वस्तुओं की कीमतें घटेंगी, जिसकी वजह कीमत में मौसमी कमी है।’

ईंधन और बिजली श्रेणी में जनवरी में अवस्फीति (-2.78 प्रतिशत) रही। वहीं रसोई गैस की कीमत (2.33 प्रतिशत) कम हुई। पेट्रोल की कीमत (-3.64 प्रतिशत) और हाई स्पीड डीजल (-3.61 प्रतिशत) में भी माह के दौरान संकुचन रहा। 

 विनिर्मित उत्पादों की श्रेणी में महंगाई दर जनवरी में मामूली बढ़कर 2.51 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर में 2.14 प्रतिशत थी। इसका अधिभार 64.2 प्रतिशत है। 

इक्रा रेटिंग्स में वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा कि जनवरी 2025 में तेज बढ़ोतरी के बाद फरवरी में अब तक जिंसों के वैश्विक दाम और बढ़े हैं। अमेरिका की संरक्षणवादी व्यापारिक नीतियों और अनिश्चितता के कारण ऐसा हुआ है। 

उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह से गैर खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई ऊपर जाने का दबाव है। इसके अलावा डॉलर की तुलना में रुपये में गिरावट आ रही है, जिसकी वजह से आने वाले महीनों में आयातित वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी।’

First Published - February 14, 2025 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट