भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) इस सप्ताह 4 से 6 दिसंबर तक अपनी मीटिंग करेगी। इस मीटिंग में मौजूदा आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और प्रमुख निर्णय, जैसे कि रेपो दर (वह ब्याज दर जिस पर RBI, कमर्शियल बैंकों को कर्ज देती है), पर घोषणा की जाएगी। मीटिंग की अध्यक्षता RBI गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे और निर्णय 6 दिसंबर को सुबह 10 बजे जारी किए जाएंगे।
यह मीटिंग आर्थिक चुनौतियों के बीच हो रही है, जिनमें कम GDP वृद्धि दर, बढ़ी हुई महंगाई, और उत्पादन में गिरावट शामिल हैं। जिनसे जनता में चिंता बढ़ी है।
RBI MPC मीटिंग: कब और कहां देखें?
यह मीटिंग वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) की पांचवी मीटिंग है। इससे पहले की मीटिंगें अप्रैल, जून, अगस्त और अक्टूबर में हो चुकी हैं। FY25 के लिए आखिरी मीटिंग फरवरी में होगी।
दिसंबर की मीटिंग 4 से 6 दिसंबर तक चलेगी और RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा 6 दिसंबर को सुबह 10 बजे निर्णय लाइव घोषित किए जाएंगे।
निर्णय RBI के यूट्यूब, फेसबुक और X प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीम किए जाएंगे। इसके अलावा, अपडेट्स Business Standard की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध होंगे।
अक्टूबर की MPC मीटिंग के मुख्य पॉइंट:
रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया
नीतिगत रुख को ‘न्यूट्रल’ से ‘Withdrawal of Accommodation’ में बदला गया
SDF दर 6.25 प्रतिशत पर बनी रही
MSF दर 6.75 प्रतिशत पर बनी रही
बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर स्थिर रही
MPC सदस्यों ने 4:2 के बहुमत से मौजूदा स्थिति बनाए रखने का फैसला लिया
RBI ने FY25 के लिए GDP वृद्धि अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। तिमाही दर तिमाही GDP वृद्धि अनुमानों को इस प्रकार संशोधित किया गया:
Q2 FY25: 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया
Q3 FY25: 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत किया गया
Q4 FY25: 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत किया गया
Q1 FY26: 7.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत किया गया
क्या RBI रेपो दर में बदलाव करेगा?
RBI ने पिछले नौ मीटिंगों में रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है, और उम्मीद की जा रही है कि इस मीटिंग में भी इसे बरकरार रखा जाएगा। हालांकि, कुछ लोग दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन RBI आर्थिक विकास के साथ महंगाई पर काबू पाने पर ज्यादा फोकस कर रहा है।
पिछले कुछ हफ्तों में प्रमुख नेताओं, जिनमें मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) V अनंत नागेश्वरन, कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं, ने व्यवसायों के लिए उधारी लागत को कम करने की आवश्यकता का सुझाव दिया है। हालांकि, RBI ने अपनी मौद्रिक नीति निर्णयों में खाद्य महंगाई को एक महत्वपूर्ण फैक्टर के रूप में प्राथमिकता दी है।
CEA ने खाद्य कीमतों को महंगाई सूचकांक से बाहर करने का प्रस्ताव दिया है, यह तर्क देते हुए कि केंद्रीय बैंक इन फैक्टर को नियंत्रित नहीं कर सकता। हालांकि, RBI ने अभी तक इस सुझाव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
आर्थिक चिंता के क्या कारण हैं?
अक्टूबर में महंगाई 14 महीने के हाई 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मुख्य रूप से खाद्य कीमतों और सप्लाई चेन पर भू-राजनीतिक असर के कारण बढ़ी।
भारत की Q2 FY25 के लिए GDP वृद्धि 5.4 प्रतिशत रही, जो दो सालों में सबसे कम है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 8.1 प्रतिशत थी। यह RBI के 7 प्रतिशत के अनुमानों से भी काफी कम थी। इस गिरावट का कारण विनिर्माण और खनन क्षेत्र में कमजोरी मानी जा रही है।
इसके बावजूद, CEA और आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने जनता को आश्वस्त किया है कि सरकार FY25 के लिए 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से ट्रैक पर है।
क्या RBI MPC अपनी वृद्धि अनुमानों में बदलाव करेगा?
Q2 GDP आंकड़ों के जारी होने के बाद कई रेटिंग एजेंसियों ने अपने FY25 वृद्धि अनुमानों को संशोधित किया है। अब वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि वृद्धि 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है। जबकि RBI का शुरुआती अनुमान 7.2 प्रतिशत था, यह देखना बाकी है कि MPC इस आंकड़े में संशोधन करेगा या नहीं।
शक्तिकांत दास: कार्यकाल का अंत या दूसरा कार्यकाल?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। दिसंबर 2018 में नियुक्त किए गए दास के बारे में अटकलें हैं कि उन्हें दूसरा कार्यकाल दिया जा सकता है।