facebookmetapixel
Amazon Now बनाम Blinkit-Swiggy: कौन जीतेगा भारत में Quick Commerce की जंग?Adani Group की यह कंपनी बिहार में करेगी $3 अरब का निवेश, सोमवार को शेयरों पर रखें नजर!Stock Split: अगले हफ्ते तीन कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, निवेशकों को मिलेगा बड़ा फायदा; जानें रिकॉर्ड डेटCBIC ने कारोबारियों को दी राहत, बिक्री के बाद छूट पर नहीं करनी होगी ITC वापसी; जारी किया नया सर्कुलरNepal Crisis: नेपाल में अगला संसदीय चुनाव 5 मार्च 2026 को होगा, राष्ट्रपति ने संसद को किया भंगट्रंप का नया फरमान: नाटो देश रूस से तेल खरीदना बंद करें, चीन पर लगाए 100% टैरिफ, तभी जंग खत्म होगी1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! ऑटो सेक्टर से जुड़ी इस कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट तयElon Musk की कंपनी xAI ने 500 कर्मचारियों को अचानक निकाला, Grok ट्रेनर्स सकते में!भारत-पाक मैच की विज्ञापन दरों में 20% की गिरावट, गेमिंग सेक्टर पर बैन और फेस्टिव सीजन ने बदला बाजारFY26 में 3.2% रहेगी महंगाई, RBI से दर कटौती की उम्मीद: Crisil

WEF Davos 2023: क्या चीन से आगे निकल जाएगा भारत? रघुराम राजन ने कही यह बात

Last Updated- January 18, 2023 | 4:51 PM IST
Raghuram Rajan

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करने के मामले में भारत के चीन की जगह ले लेने के बारे में सोचना अपरिपक्वता होगी लेकिन आगे चलकर स्थिति बदल भी सकती है।

राजन ने यहां जारी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में थोड़ा भी सुधार होने से वैश्विक वृद्धि की संभावनाओं को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब भी 12 महीने बाकी हैं और इस दौरान चीन की स्थिति का सुधरना अच्छी बात होगी। उन्होंने कहा, “चीन इस समय महामारी का सामना कर रहा है और इस साल मार्च-अप्रैल तक उसकी स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।

अगर उसके विनिर्माण में सुधार होता है तो उससे बाहर भी कीमतें कम हो सकती हैं।” भारत के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा, “यह तर्क अपरिपक्व है कि भारत चीन की जगह ले लेगा। इसकी वजह यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था चीन की तुलना में अभी बहुत छोटी है।”

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “लेकिन समय बीतने के साथ स्थिति बदल भी सकती है। भारत पहले से ही दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह अपनी वृद्धि जारी रख सकता है।”

राजन ने कहा कि मौजूदा समय में नीति-निर्माताओं की नजरें श्रम बाजार के अलावा आवासीय क्षेत्र पर टिकी हुई हैं। उन्होंने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि वहां घरों की बिक्री नहीं होने पर भी कीमतें नहीं गिर रही हैं। उन्होंने कहा, “क्या सब निराशाजनक ही है। शायद नहीं, अगर पुतिन युद्ध खत्म करने का फैसला कर लेते हैं तो निश्चित रूप से हालात सुधरेंगे।”

First Published - January 18, 2023 | 1:00 PM IST

संबंधित पोस्ट