साल 2022 में भारत के सबसे अधिक अमीर लोगों की नेटवर्थ यानी संपत्ति में और इजाफा हुआ है। रियल एस्टेट कंपनी नाइट फ्रैंक(Knight Frank) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में भारत में हर 10 अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (UHNWI) में से नौ की संपत्ति में इजाफा हुआ। ये औसत ग्लोबल औसत का दोगुने से भी अधिक है, ग्लोबली प्रत्येक 10 में से चार लोगों की संपत्ति में ही साल 2022 में बढ़त दर्ज की गई है।
सोमवार को जारी हुई “वेल्थ रिपोर्ट 2023 एटिट्यूड सर्वे: इंडिया फाइंडिंग्स(Wealth Report 2023 Attitude Survey: India Findings)” के अनुसार, UHNWI के 35 प्रतिशत भारतीयों की संपत्ति में 10 प्रतिशत तक की बढ़त हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है, “लंबे समय तक चलने वाले आर्थिक और भू-राजनीतिक संकट ने अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट देखी गई, लेकिन भारत के लचीले आर्थिक प्रदर्शन ने देश को संकट के इस साल में भी ग्लोबल ट्रेंड को मात दी।”
भारतीय UHNWI की निवेश योग्य संपत्ति का 84 प्रतिशत इक्विटी, रियल एस्टेट और बॉन्ड के बीच है। इनमें से, इक्विटी बाजार टॉप सेग्मेंट रहा, जिसमें UHNWI की कुल संपत्ति का 34 प्रतिशत निवेश किया गया। इसके बाद दूसरे नंबर पर कमर्शियल प्रॉपर्टी (25 फीसदी) और तीसरे पर बॉन्ड मार्केट (16 फीसदी) रहे। विश्व स्तर पर देखें तो सबसे अधिक धनराशि (33 प्रतिशत) कमर्शियल संपत्ति के लिए आवंटित की गई थी।
नाइट फ्रैंक में शोध के वैश्विक प्रमुख लियाम बेली ने कहा कि रियल एस्टेट पर अधिक ध्यान देने के साथ आने वाले वर्ष में निवेश पैटर्न में बदलाव होगा।
उन्होंने कहा, “2023 में 69 प्रतिशत UHNWIs के धन में वृद्धि देखने की उम्मीद के साथ – हम पोर्टफोलियो रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं – रियल एस्टेट हाल के वर्षों की तुलना में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।”
साल 2023 में, भारत में 100 प्रतिशत UHNWI और वैश्विक स्तर पर 69 प्रतिशत, अपनी संपत्ति बढ़ने की उम्मीद हैं।
जबकि भारत में 47 प्रतिशत लोगों का अनुमान है कि संपत्ति में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी, वहीं 53 प्रतिशत का अनुमान है कि संपत्ति में कम से कम 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
इस महीने की शुरुआत में जारी एक अन्य रिपोर्ट में, नाइट फ्रैंक ने कहा था कि भारत में आवास की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 9 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई और 2022 के दौरान भारत के आठ प्रमुख शहरों में ग्रॉस ऑफिस लीज़िंग में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई।