उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले बढ़े हुए बिलों का करंट लग सकता है। इस साल मई में टैरिफ बढ़ाने में नाकाम रहने के बाद अब उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन उपभोक्ताओं से ईंधन अधिभार के नाम पर वसूली की तैयारी में हैं।
कारपोरेशन ने उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के सामने ईंधन अधिभार शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है। नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव पर आपत्तियां मांगी हैं जिसके बाद प्रदेश में बिजली का टैरिफ बढ़ सकता है। पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव में सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर ईंधन अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 28 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 1.09 रुपये तक का ईंधन अधिभार लगाने की तैयारी है। प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से पावर कारपोरेशन ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में ईंधन अधिभार चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए औसतन 61 पैसा प्रति यूनिट के आधार पर दाखिल किया है। कारपोरेशन के ईंधन अधिभार लगाने के करीब 1437 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व उपभोक्ताओं से मिलेगा।
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प्रस्ताव के मुताबिक सबसे कम घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं से 28 पैसे प्रति यूनिट, घरेलू सामान्य उपभोक्ताओं से 44 से लेकर 56 पैसे प्रति यूनिट जबकि वाणिज्यिक श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं से 49 पैसे से लेकर 87 पैसे प्रति यूनिट उपभोग के आधार पर लिए जाने की सिफारिश की गयी है। इसी तरह किसानों से 19 से 52 पैसे प्रति यूनिट, गैर उद्योग श्रेणी के बल्क लोड वाले उपभोक्ताओं से 76 पैसे से लेकर 1.09 रुपये तो भारी उद्योगों से 54 पैसे से लेकर 64 पैसे प्रति यूनिट ईंधन अधिभार लिए जाने का प्रस्ताव है।
पावर कारपोरेशन के इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ रुपये सरप्लस निकलता है जिसके बाद भी इस अधिभार की सिफारिश की गयी है। उन्होंने कहा कि नियामक आयोग ने ईंधन अधिभार लगाने के प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं से तीन सप्ताह मे आपत्तियां मांगी है। परिषद इसके खिलाफ अपील करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने वादा किया था कि ईंधन अधिभार के नाम पर बिजली दर नहीं बढ़ेगी फिर कारपोरेशन ने इसका प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि सरप्लस को देखते हुए बिजली कंपनियों का दरों में कमी करनी चाहिए न कि बढ़ाना।