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Trump Tariff: MSMEs संगठनों की मांग, आपातकालीन नकदी मुहैया कराए सरकार

अमेरिकी खरीदारों पर निर्भर उद्योगों जैसे कपड़ा, इंजीनियरिंग सामग्री और रत्न-आभूषण आदि में नकदी की आवक घट रही है।

Last Updated- August 12, 2025 | 10:35 PM IST
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सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) से जुड़े उद्योग संगठनों ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इस उद्योग से जुड़े निर्यातकों को हाल में बढ़े अमेरिकी शुल्क के असर से बचाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि कुछ क्षेत्रों में मुनाफा पहले ही घट गया है और उनमें नौकरियां जाने का खतरा भी है।

संगठनों ने कहा कि अमेरिकी खरीदारों पर निर्भर उद्योगों जैसे कपड़ा, इंजीनियरिंग सामग्री और रत्न-आभूषण आदि में नकदी की आवक घट रही है। उन्होंने कहा कि ऊंचे शुल्कों की जवह से निर्यातकों को या तो बढ़ी लागत का बोझ उठाना पड़ा है या निर्यात ऑर्डर गंवाने पड़ हैं।

इंडिया एसएमई फोरम के प्रेसिडेंट विनोद कुमार ने कहा, ‘दोनों ही स्थितियों में कारोबार चलाने के लिए नकदी कम हो जाती है, भुगतान देर में आता है और उत्पादन तथा परिवहन के लिए कार्यशील पूंजी की जरूरत बढ़ जाती है। साथ ही कम मार्जिन और त्वरति कारोबार पर निर्भर एमएसएमई को कर्ज मिलना इससे और भी कम हो जाता है।’ 

First Published - August 12, 2025 | 10:02 PM IST

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