अमेरिका से शुरू हुए मंदी के चक्रवात से शुक्रवार को भी सारी दुनिया के शेयर बाजार चकराते रहे।
न सिर्फ अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट रही बल्कि इसका असर यूरोपीय और एशियाई बाजारों पर भी और गहराता नजर आया।
दुनिया के सात देशों द्वारा एक साथ की गई ब्याज दर में कटौती भी मंदी की इस महामारी के लिए ऊंट के मुंह में जीरा सरीखी साबित हुई। इसी वजह से निवेशकों ने समूची दुनिया की अर्थव्यस्था में मंदी की आशंका देखते हुए भारी बिकवाली की।
कहां-कहां आई विपदा
अमेरिका: अमेरिका में डाउ जोंस पांच साल के न्यूनतम स्तर पर आ गया। इसमें 679 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
यूरोप: शुक्रवार को फ्रांस के शेयर बाजार में 8.4 फीसदी की गिरावट आई। जर्मनी के शेयर बाजार में 9.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ब्रिटेन का एफटीएसई 8 फीसदी लुढ़क कर 4000 के नीचे चला गया।
ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार 8.3 फीसदी नीचे गिरकर बंद हुआ।
रूस: जरूरत से ज्यादा अनिश्चितता की वजह से मास्को के शेयर बाजार में फिलहाल कारोबार रोक दिया गया है।
एशिया:इस सप्ताह जापान के टोक्यो शेयर बाजार में 24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। 1987 में शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के बाद यह पहला मौका है कि जापान का शेयर बाजार निक्कई एक दिन में इतना गिर गया।
आर्थिक संकट की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जापान की बीमा कंपनी यामाटो दिवालिया हो गई है। संकट के मद्देनजर जकार्ता के बाजार में भी कारोबार बंद कर दिया गया है। एशिया के अन्य देशों में भी कमोबेश यही हालत है।