जेपी मॉर्गन चेस ऐंड कंपनी की तरफ से भारतीय बॉन्ड को उभरते बाजार इंडेक्स में शामिल करने के बाद भारत सरकार की तरफ से टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव न करने की भी खबर आ रही है। एक सरकारी सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि अन्य ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल कराने के लिए सरकार टैक्स व्यवस्था में बदलाव पर विचार नहीं कर रही है।
विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक, पिछले सप्ताह जून 2024 से भारत को अपने इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स में शामिल करने के जेपी मॉर्गन के फैसले से लगभग 25 अरब डॉलर के विदेशी निवेश की संभावना है।
इंडेक्स प्रोवाइडर एफटीएसई रसेल (FTSE Russell) में भी भारत को शामिल करने के लिए वाचलिस्ट में रखा गया है। इंडेक्स प्रोवाइडर ने इस सप्ताह के अंत में एक रिव्यू शेड्यूल किया है। बता दें कि इसके अलावा ब्लूमबर्ग इंडेक्स में भी भारत शामिल नहीं है।
भारत लोकल डेट खरीदने और बेचने वाले विदेशी निवेशकों पर 20% का टैक्स लगाता है, जिसे ट्रेडर्स के साथ-साथ इंडेक्स प्रोवाइडर्स के लिए एक निवारक के रूप में देखा जाता है।
एक सूत्र ने रॉयटर्स को यह भी बताया कि संघीय सरकार का राजस्व और खर्च अब तक के बजट अनुमानों के अनुरूप है।
सूत्र ने कहा, सरकार ने सितंबर की शुरुआत तक अपने बजटीय पूंजीगत खर्च का 40% खर्च कर लिया है।
भारत की संघीय सरकार 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.9% के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रख रही है और अक्टूबर-मार्च अवधि में यह 6.55 लाख करोड़ रुपये ($ 78.70 बिलियन) उधार लेगी।
सूत्र ने कहा, ‘उस अवधि के दौरान शुद्ध उधारी (net borrowing) 3.74 लाख करोड़ रुपये होगी, जिसमें सिक्योरिटीज के मैच्योर होने के कारण 2.81 लाख करोड़ रुपये का दोबारा भुगतान शामिल है।’