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Thali cost: अब सिर्फ ₹27 में भरपेट खाना, जून में क्यों सस्ती हुई आपकी थाली, जानिए वजह

Crisil की रिपोर्ट के मुताबिक जून में वेज और नॉन-वेज थाली 6-8% तक सस्ती हुई

Last Updated- July 08, 2025 | 1:22 PM IST
Veg thali cost rises 11%, non-veg thali falls 2% in Sept 2024: Crisil

Crisil इंटेलिजेंस की नई रिपोर्ट ‘रोटी-चावल रेट’ के मुताबिक, जून 2025 में घर पर बनने वाली वेज और नॉन-वेज थालियों की कीमत पिछले साल की तुलना में कम हो गई। इसकी सबसे बड़ी वजह टमाटर, आलू और प्याज जैसे ज़रूरी सब्जियों के दामों में भारी गिरावट रही।

जून 2024 की तुलना में इस बार जून में एक वेजिटेरियन थाली की कीमत औसतन 8 फीसदी कम रही। टमाटर के दाम में 24%, आलू में 20% और प्याज में 27% की गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल फसल में बीमारी, खराब मौसम और रबी सीज़न में प्याज की खेती कम होने से दाम चढ़ गए थे। लेकिन इस साल सप्लाई सुधरने और अच्छी पैदावार से कीमतें नीचे आईं।

नॉन-वेज थाली भी 6% सस्ती, चिकन के दाम गिरे

नॉन-वेज थाली की कीमत में भी करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण ब्रॉयलर चिकन के दामों में 3 फीसदी की कमी है। नॉन-वेज थाली में चिकन का हिस्सा करीब आधा होता है, इसलिए इसकी कीमत गिरने से थाली सस्ती हो गई। हालांकि खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल और रसोई गैस महंगी हुई है। एक साल में खाने के तेल के दाम 19% बढ़े हैं, जबकि सरकार ने इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई थी। लेकिन इसका फायदा ग्राहकों तक पूरी तरह नहीं पहुंचा। साथ ही एलपीजी सिलेंडर की कीमत भी 6% बढ़ गई, जिससे खाना बनाने का खर्च बढ़ा और थाली की कुल बचत कुछ हद तक कम हुई।

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महीने भर में थाली फिर हुई थोड़ी महंगी

हालांकि सालाना तुलना में कीमतें घटी हैं, लेकिन मई से जून के बीच हल्का उलटा रुझान दिखा। जून में एक वेज थाली की औसत कीमत ₹26.3 से बढ़कर ₹27.1 हो गई यानी 3% की बढ़त। इसकी वजह टमाटर के दामों में 36% की उछाल रही, जो मंडियों में आवक 8% घटने के कारण हुआ। आलू के दाम भी 4% बढ़े, जबकि प्याज की कीमत स्थिर रही।

नॉन-वेज थाली जून में 4% महंगी

इसी दौरान नॉन-वेज थाली की कीमत में 4% की बढ़ोतरी हुई। इसका कारण गर्मी के कारण चिकन की सप्लाई कम होना है, जिससे ब्रॉयलर के दाम 5% चढ़ गए।

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क्या है ‘रोटी-चावल रेट’?

रोटी-चावल रेट एक ऐसा इंडेक्स है जो देश के चारों हिस्सों – उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम – में घर की थाली के खर्च को ट्रैक करता है। इसमें अनाज, दालें, सब्जियां, मसाले, तेल और एलपीजी जैसे मुख्य सामानों की कीमत शामिल होती है। इससे थाली की लागत में होने वाले क्षेत्रीय बदलावों को समझा जा सकता है। एक वेज थाली में रोटी, चावल, दाल, सब्जी, दही और सलाद होता है। जबकि नॉन-वेज थाली में दाल की जगह चिकन शामिल होता है।

First Published - July 8, 2025 | 1:22 PM IST

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