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Last Updated- December 06, 2022 | 1:02 AM IST

तीस लाख रुपये तक के होम लोन अब सस्ते हो सकते हैं। रिजर्व बैंक ने अपनी क्रेडिट पॉलिसी में 50 फीसदी रिस्क वेटेज वाले होम लोन की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी है।


इसके बाद, होम लोन ले रहे व्यक्तिगत लोगों के लिए जो कर्ज 50 फीसदी के रिस्क वेटेज में आते हैं, उसकी सीमा 20 लाख रुपये की जगह अब 30 लाख रुपये होगी। रिजर्व बैंक के गर्वनर वाई.वी. रेड्डी के मुताबिक इसका उद्देश्य होम लोन को और आसान बनाना है। यह कदम खासकर मध्यम वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।


होम लोन की बढ़ती दरों से इस सेक्टर के लिए दिए जा रहे कर्ज की ग्रोथ में धीमापन आ गया था। होम लोन फिलहाल करीब 12 फीसदी बढ़ रहा है और 14 फरवरी 2008 के आंकडों के मुताबिक यह 26,930 करोड़ रुपये पर था जबकि पिछले साल यह 25.8 फीसदी की दर से बढ़ रहा था और 46,019 करोड़ रुपये पर था।


जाहिर है, रिजर्व बैंक के इस कदम से सरकारी बैंक 30 लाख तक के होम लोन की दरें सबसे पहले घटाएंगे। लेकिन निजी बैंक फिलहाल दरों घटाने में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते। बैंक 20 लाख रुपये तक के लोन पर डिफरेंशियल ब्याज दर लगाते हैं, लेकिन अब 30 लाख रुपये तक के लोन को उसी रिस्क वेटेज में रखे जाने के बाद अब यह सुविधा ज्यादा लोगों को मिलने की उम्मीद है।


यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी एम.वी. नायर के मुताबिक ग्राहकों को रिजर्व बैंक के इस कदम से आधा फीसदी तक की छूट मिल सकती है।बैंक ऑफ इंडिया के ईडी के.आर. कामथ का कहना है कि हमें 20-30 लाख रुपये के बीच लोन लेने वालों को इस कदम का लाभ देने के लिए पहले विचार करना होगा। सीआरआर की दरें बढ़ाई जाने से वैसे भी कर्ज की दरों पर काफी दबाव है। सीआरआर में इजाफे से बैंकों के पास फंड तो कम हुए ही हैं और इससे कॉस्ट ऑफ फंड भी बढ़ रहा है।


मई 2007 में रिजर्व बैंक ने 20 लाख रुपये तक के होम लोन का रिस्क वेटेज 75 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया था, फिलहाल 20 लाख रुपये तक होम लोन प्रियॉरिटी सेक्टर के लोन में आते हैं। आईसीआईसीआई बैंक की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर चंदा कोचर के मुताबिक ब्याज की दरें लिक्विडिटी की हालत और फंड की लागत पर निर्भर करती हैं। ब्याज दरों के घटने-बढ़ने का रिस्क वेटेज से बहुत मतलब नहीं होता।


रिजर्व बैंक ने यह कदम केवल रियल एस्टेट के दामों में आई तेजी को देखते हुए उठाया है। एबीएन एमरो के कंट्री एक्जिक्यूटिव मारी सान्याल के मुताबिक, ब्याज दरें घटाना हर बैंक पर ही निर्भर करेगा, उस बैंक की लिक्विडिटी की हालत क्या है, इससे ही यह तय होगा। इतना जरूर है कि होम लोन का बाजार काफी टाइट चल रहा था, जिसे इस कदम से थोडी राहत मिलेगी।

First Published - May 1, 2008 | 12:24 AM IST

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