प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत ब्रिक्स समूह के विस्तार का पूरी तरह समर्थन करता है। भारत समूह में नए राष्ट्रों को शामिल करने के लिए सहमति पर आधारित वार्ता का स्वागत करता है।
मोदी ने जोहानिसबर्ग में 15वेंब्रिक्स सम्मेलन के पूर्ण सत्र में कहा कि भारत अगले महीने जी 20 के नेताओं की बैठक होगी। भारत को उम्मीद है कि ब्रिक्स के राष्ट्र अफ्रीका यूनियन को जी-20 में शामिल करने के प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। ब्रिक्स में विश्व के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
ब्रिक्स विश्व की 41 फीसदी आबादी, 24 फीसदी वैश्विक जीडीपी और 16 फीसदी वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है। अधिकारियों ने बताया कि ब्रिक्स देशों से इस समूह में शामिल होने के लिए कम से कम 23 देश संपर्क कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने दक्षिण अफ्रीका की ब्रिक्स चेयरमैनशिप में ग्लोबल साउथ के देशों को विशेष महत्त्व दिए जाने के कदम का स्वागत किया। ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के हैं।
मोदी गुरुवार को विशेष कार्यक्रम, ‘ब्रिक्स- अफ्रीका आउटरिच ऐंड ब्रिक्स प्लस डॉयलाग’ में हिस्सा लेंगे जिसमें बड़ी संख्या में अफ्रीकी देश हिस्सा लेंगे। मोदी ने अंतरिक्ष में सहयोग को बढ़ाने के लिए ब्रिक्स अंतरिक्ष अन्वेषण कंसोर्टियम की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया।
ब्रिक्स में शामिल देश ब्रिक्स टेलीलाइट कांस्टलेशन के लिए भी कार्य कर रहे हैं। यह देश 2021 में रिमोट सेंसिंग सेटलाइट के आंकड़ों को साझा करने पर सहमत हुए थे। इस क्रम में ब्रिक्स अंतरिक्ष एजेंसियों के रिमोट सेंसिंग सेटलाइट को वर्चुअल कांस्टलेशन की कक्षा में स्थापित करना था। इसके बलबूते असंख्य चुनौतियों जैसे वैश्विक पर्यावरण बदलाव और प्रमुख आपदाएं से निपटने के साथ पर्यावरण सुरक्षा को हासिल करना था।
मोदी ने कहा कि भारत अपने अत्याधुनिक डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ढांचे जैसे कोविन और एआई आधारित प्लेटफार्म भाषिनी अन्य ब्रिक्स देशों को मुहैया करवाने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स के नेतृत्व में कौशल मैपिंग करने के प्रयास का भी सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की सुझाई गई पहलों पर हुई प्रगति का उल्लेख किया। इसके तहत रेलवे अनुसंधान नेटवर्क, एमएसएमई के साथ घनिष्ठ संबंध, ऑनलाइन ब्रिक्स डाटाबेस और ब्रिक्स देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम के बीच करीबी संबंधों का उल्लेख किया।
मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। खबर लिखे जाने तक चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से द्विपक्षीय बातचीत की पुष्टि नहीं हो पाई थी।
चिनफिंग ने कहा कि शांति के लिए ब्रिक्स देशों को राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाना चाहिए। अभी भी विश्व शीतयुद्ध के दौर की मानसिकता से प्रभावित है और भू राजनीतिक स्थितियां जटिल हो रही हैं।
हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लीदीमिर पुतिन ने इस कार्यक्रम के लिए विदेश मंत्री सर्गेय लावरोव को नियुक्त किया है। दक्षिण अफ्रीका की न्यायपालिका ने उनके देश में प्रवेश करने पर गिरफ्तार करने का आदेश बीते महीने दिया था। यह आदेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के जारी वारंट के क्रम में जारी किया गया था।
पुतिन ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि दुनियाभर में गैर डॉलराइजेशन का दौर जोर पकड़ने लगा है। यह प्रक्रिया वापस नहीं होगी। ब्रिक्स के देशों ने डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए द्विपक्षीय लेन देन शुरू कर दिया है।
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने भी ब्रिक्स देशों के बीच साझा कारोबारी मुद्रा का समर्थन किया है लेकिन यह मुद्रा इन देशों की राष्ट्रीय मुद्रा का स्थान नहीं लेगी।