facebookmetapixel
सर्वे का खुलासा: डर के कारण अमेरिका में 27% प्रवासी, ग्रीन कार्ड धारक भी यात्रा से दूरBank Holiday: 31 दिसंबर और 1 जनवरी को जानें कहां-कहां बंद रहेंगे बैंक; चेक करें हॉलिडे लिस्टStock Market Holiday New Year 2026: निवेशकों के लिए जरूरी खबर, क्या 1 जनवरी को NSE और BSE बंद रहेंगे? जानेंNew Year Eve: Swiggy, Zomato से आज नहीं कर सकेंगे ऑर्डर? 1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स हड़ताल परGold silver price today: साल के अंतिम दिन मुनाफावसूली से लुढ़के सोना चांदी, चेक करें ताजा भाव2026 के लिए पोर्टफोलियो में रखें ये 3 ‘धुरंधर’ शेयर, Choice Broking ने बनाया टॉप पिकWeather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालित

दिल्ली एयरपोर्ट में मंदी!

Last Updated- December 09, 2022 | 10:30 PM IST

वित्तीय मंदी ने अब तो दिल्ली एयरपोर्ट पर भी पांव पसार दिए हैं। इस एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण में लगी कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) को अब रकम जुटाना मुश्किल हो रहा है।


बुनियादी ढांचा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीएमआर की अगुआई वाली इस कंपनी को अब बैंक बदलने पर भी मजबूर होना पड़ रहा है। तकरीबन 8,890 करोड़ रुपये वाली आधुनिकीकरण परियोजना को मार्च 2010 तक पूरा होना है, लेकिन अब इस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

कंपनी इसके लिए कर्ज ही नहीं जुटा पा रही है। इसकी वजह कंपनी के कुछ प्रमोटरों का वायदे से मुकरना है। दरअसल डायल में बेंगलुरु की जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर की 50.1 फीसदी हिस्सेदारी है। फ्रापोर्ट एजी और मलेशिया एयरपोर्ट होल्डिंग बरहाड की 10-10 फीसदी हिस्सेदारी है।

इसके अलावा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की कंपनी में 26 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी को इस परियोजना के लिए 4,940 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी मिली है, जिसमें से 2,500 करोड़ रुपये उसे मिल चुके हैं। लेकिन मार्च तक उसे 1,307 करोड़ रुपये के कर्ज की और जरूरत है।

इसके लिए बैंक कंपनी से इक्विटी जमा करने की मांग कर रहे हैं। बैंक अब तक 2,500 करोड़ रुपये का कर्ज दे चुके हैं। इसके लिए प्रमोटरों को 2,000 करोड़ रुपये की इक्विटी तुरंत देने की जरूरत है। लेकिन अभी तक केवल 700 करोड़ रुपये की इक्विटी ही दी गई है।

एएआई खास तौर पर इस मामले में ढिलाई बरत रही है। माना जा रहा है कि वोटिंग अधिकार पहले ही अपने पास होने की वजह से ही एएआई ऐसा कर रही है। हालांकि कंपनी के मुखिया वी पी अग्रवाल ने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

यही वजह है कि बैंक अब कर्ज देने से इनकार कर रहे हैं। रियल एस्टेट और होटल कारोबार मे मंदी की वजह से भी कंपनियों को मुश्किल हो रही है। इसके अलावा ब्याज की बढ़ती दरें भी इस परियोजना को अधर में लटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

पैसा जुटाना हुआ मुश्किल


प्रमोटरों की ओर से इक्विटी योगदान में ढिलाई
बैंक मांग रहे हैं कंपनी से अतिरिक्त इक्विटी
रियल्टी औैर होटल कारोबार में मंदी से भी परेशानी
ब्याज दरों ने छुड़ाए पसीने

First Published - January 20, 2009 | 12:00 AM IST

संबंधित पोस्ट