इस हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दर में 25 आधार अंकों की कटौती की चिंताओं के कारण बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इंट्रा डे कारोबार में 87.49 के नए निचले स्तर पर आ गया था और कारोबार के अंत में यह 87.46 के नए निचले स्तर पर बंद हुआ।
नीतिगत दरें तय करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक जारी है और शुक्रवार को इसके निष्कर्ष जारी किए जाएंगे। डीलरों ने कहा कि कमजोर डॉलर सूचकांक और मजबूत एशियाई मुद्राओं के बावजूद स्टॉप-लॉस ट्रिगर के कारण रुपये में गिरावट आई है।
सरकारी बैंकों ने विदेशी मुद्रा बाजार में केंद्रीय बैंक की ओर से डॉलर बेचे जिससे रुपये की और गिरावट को रोकने में मदद मिली। बुधवार को रुपया 87.46 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि मंगलवार को रुपया 87.12 प्रति डॉलर था।
नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘हम हमने इस रुख पर कायम रहेंगे कि रिजर्व बैंक अपेक्षाओं को पूरा करेगा मगर कोई आगे बढ़कर कोई कदम नहीं उठाने वाला है।’
बाजार के भागीदारों ने कहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपया अब 87.50 पर पहुंचने वाला है और अभी इसमें और कितनी गिरावट होनी है यह भी तय नहीं है क्योंकि आंशिक तौर पर वैश्विक व्यापार तनाव के कारण अस्थिरता भी लगातार बढ़ी है।
एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘बाजार को अब दरों में 25 आधार अंक तक की कटौती की उम्मीद है। रुपया लगभग 87.30 प्रति डॉलर के स्तर पर था, लेकिन स्टॉप लॉस शुरू हो गया था और हम 87.50 प्रति डॉलर के स्तर को देखने वाले थे।’
बुधवार को रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं में से एक था, जिसमें दिन के दौरान 0.40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। दक्षिण कोरियाई वोन, फिलीपींस पेसो और मलेशियाई रिंगित में भी 0.5 फीसदी की गिरावट आई। बुधवार को डॉलर सूचकांक भी 0.4 फीसदी गिरकर 107.80 पर पहुंच गया था। यह छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापता है।
बाजार भागीदारों ने कहा कि अगर शुक्रवार को दरों में कटौती की घोषणा की जाती है तो डॉलर के मुकाबले रुपया 88 पर पहुंच सकता है। सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘रुपया आज करीब 87.50 के स्तर को छू गया था। अब 88 रुपया प्रति डॉलर का स्तर भी दूर नहीं है। अगर शुक्रवार को दरों में कटौती की जाती है तो ऐसा संभव भी हो जाएगा।’