रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के विनिवेश और निजीकरण की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करेंगे। उन्हें बीईएमएल के निजीकरण की दिशा में हुई प्रगति के बारे में अवगत कराया जाएगा। सरकार इस कंपनी में अपनी 54 फीसदी हिस्सेदारी में से 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने और प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण पर विचार कर रही है। कंपनी के शेयरों की कीमत के आधार पर किसी रणनीतिक खरीदार को 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर करीब 1,440 करोड़ रुपये की आमद हो सकती है।
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार शीघ्र ही पीएसयू के निजीकरण के प्रस्ताव और शेयर खरीद समझौते के लिए मसौदा अनुरोध को मंजूरी प्रदान करेगी। पीएसयू की रुचि रक्षा, खनन, निर्माण और रेल कोच तैयार करने में है। दस्तावेज में चयनित बोलीदाताओं के ऊपर डाले जाने वाली देनदारी को लेकर स्पष्टता होगी।
अधिकारी ने कहा कि सरकार की योजना मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ऐंड इंजीनियरिंग लिमिटेड में भी अपनी शेयरधारित कम करने की है और इस बाबत प्रस्ताव को इन पीएसयू के प्रशासनिक मंत्रालय रक्षा मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा। मिधानि में केंद्र की हिस्सेदारी 74 फीसदी है जिसका मूल्य शुक्रवार को शेयरों की बंद कीमत के आधार पर करीब 2,550 करोड़ रुपये है।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स में केंद्र का स्वामित्व 74.50 फीसदी है जो शुक्रवार को शेयर की बंद कीमत के आधार पर करीब 1,655 करोड़ रुपये है।
योजना सरकार की शेयरधारिता में कमी लाने की है और बिक्री के लिए विस्तृत समयसीमा को मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि हालांकि, सौदे के वास्तविक समय का निर्धारण बाजार में मौजूद परिस्थितियों के आधार पर किया जाएगा।
चूंकि सरकार एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन सहित कई अन्य बड़े आकार वाली कंपनियों के निजीकरण को पूरा करने पर ध्यान दे रही है ऐसे में वह अपनी विनिवेश प्राप्तियों को बढ़ाने के लिए कुछ निश्चित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर निर्णायक रूप से आगे बढ़ रही है।
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने एनएमडीसी, आवास और शहरी विकास निगम तथा एक्सिस बैंक के शेयरों की बिक्री कर 8,369 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में विनिवेश प्राप्तियों से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है।