अर्थव्यवस्था

महंगाई काबू में, रिजर्व बैंक ने रीपो दर घटाई और विकास को प्राथमिकता दी: RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा

MPC ने लगातार दूसरी बार रीपो दर में कटौती की, कहा- अब नीति का झुकाव विकास की तरफ होना चाहिए

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मनोजित साहा   
Last Updated- April 23, 2025 | 11:02 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 7 से 9 अप्रैल की बैठक के दौरान पाया कि महंगाई दर पूर्वानुमान के अनुकूल बनी हुई है। इसे देखते हुए समिति की राय थी कि नीति को वृद्धि अनुकूल बनाए जाने की जरूरत है। रिजर्व बैंक की ओर से आज जारी बैठक के ब्योरे से यह सामने आया है।

इस माह की शुरुआत में समिति ने नीतिगत रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती करने का फैसला किया था। फरवरी में हुई पिछली बैठक में भी रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी। इस बैठक में रुख को तटस्थ से बदलकर समावेशी कर दिया गया है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, ‘जब उपभोक्ता कीमतों पर आधारित महंगाई दर निर्णायक रूप से 4 प्रतिशत के अपने लक्षित स्तर के आसपास है और वृद्धि अभी भी सामान्य है तथा इसमें सुधार हो रहा है, तो ऐसे में मौद्रिक नीति को वृद्धि की गति तेज करने के लिए घरेलू मांग को समर्थन देना चाहिए।’ उन्होंने दर में कटौती का पक्ष लेते हुए कहा कि इससे निजी खपत को बल मिलेगा और निजी कॉर्पोरेट निवेश संबंधी गतिविधियां बढ़ेंगी।

वैश्विक व्यापार युद्ध के बारे में मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर तुलनात्मक रूप से बाहरी असर कम है और यह बेहतरीन स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि व्यापक रूप से घरेलू मांग से संचालित है। रिजर्व बैंक ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 2025-26 में 4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर ने कहा, ‘कुल मिलाकर स्थिति का आकलन करने पर हम पाते हैं कि महंगाई का परिदृश्य अनुकूल बना हुआ है। वहीं जीडीपी वृद्धि कम होने को लेकर दबाव है।’शुल्क को लेकर चल रही जंग के साथ अप्रत्याशित वैश्विक अनिश्चितता के मौजूदा माहौल को देखते हुए राव ने कहा कि अमेरिकी शुल्क के भारत पर असर को लेकर स्थिति साफ नहीं है और अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा निर्यात केंद्र है, ऐसे में इसका असर व्यापार, वित्तीय बाजारों व घरेलू आर्थिक गतिविधियों पर प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों ही रूपों में पड़ सकता है।

व्यापार युद्ध के कारण वैश्विक अनिश्चितताओं का उल्लेख करते हुए आंतरिक सदस्य राजीव रंजन ने कहा कि महंगाई अब निर्णायक रूप से कम होने के चरण में हैं ऐसे में वृद्धि पर घरेलू महंगाई का जोखिम नहीं है। लगातार नकदी डालने और नीतिगत बदलाव को देखते हुए ऐसा करना उचित है। बाहरी सदस्य राम सिंह ने कहा, ‘महंगाई दर कम रहने की स्थिति को देखते हुए समिति को रीपो दर में कटौती कर वृद्धि को समर्थन देना चाहिए।’

First Published : April 23, 2025 | 11:02 PM IST