वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पूर्ण टीकाकरण की वकालत की, जिससे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके और उद्योगों में सामान्य कामकाज बहाल हो सके। मंत्री ने सरकार की योजनाओं को गांवों तक पहुंचाने के लिए निजी क्षेत्र की ज्यादा हिस्सेदारी का भी अनुरोध किया।
तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक (टीएमबी) के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘130 करोड़ लोगों में से कम से कम 73 करोड़ लोगों को टीके की एक खुराक दी जा चुकी है। अब भी हम मास्क पहन रहे हैं। एक बार जब दोनों खुराक पूरी हो जाएगी, हमें विश्वास है कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। अर्थव्यवस्था और उद्योगों में कामकाज सामान्य होने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है।’ देश में कोविड-19 के टीके का कवरेज रविवार को 73,82,07,378 को पार कर गया और पिछले 24 घंटे में 72,86,833 टीके लगाए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि जनधन योजना के माध्यम से सरकार ने आक्रामक वित्तीय समायोजन कार्यक्रम चलाया, जिसकी वजह से सरकार ग्रामीण भारत में गरीबों की मदद करने में सफल रही और महामारी के पहले 3 महीनों में उनके खाते में 1500 रुपये डाले गए। उन्होंने कहा कि अगर पीएमजेडीवाई योजना शुरू नहीं की गई होती तो यह संभव नहीं हो पाता। प्रधानमंत्री जनधन योजना 28 अगस्त, 2014 को शुरू की गई थी। महामारी के दौरान पीएमजेडीवाई के तहत महिला खाताधारकों के खातों में 3 महीने तक हर माह (अप्रैल से जून, 2020) पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 500 रुपये डाले गए। उस दौरान ऐसे खातों में 30,945 करोड़ रुपये डाले गए। मंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना और स्वनिधि ने भी ग्रामीण भारत की मदद की। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि निजी क्षेत्र के बैंक भी सरकारी योजनाओं पर ज्यादा आक्रामक तरीके से काम करें।