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RBI MPC Meeting: सस्ती होगी रसोई गैस और सब्जियां, GDP अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार

RBI MPC बैठक के निर्णय की घोषणा करते हुए RBI गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का अनुमान, 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहेगी।

Last Updated- October 06, 2023 | 12:22 PM IST
RBI Guv Shaktikanta Das

RBI MPC Meeting Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार नीतिगत दर रीपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 5.4 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रीपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया।’ रीपो वह ब्याज दर है, जिसपर कमर्शियल बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। साथ ही एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।

भारत दुनिया के लिए आर्थिक वृद्धि का इंजन

दास ने कहा कि भारत दुनिया के लिये आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है, लेकिन आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं है। MPC मुद्रास्फीति को लेकर जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी। RBI ने अगस्त, जून और अप्रैल की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में भी रीपो दर में बदलाव नहीं किया था। इससे पहले, मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रीपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।

गवर्नर दास ने कहा, रीपो दर में ढाई प्रतिशत की कटौती का पूरा लाभ अभी तक उपोभक्ताओं तक नहीं पहुंचा है।

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विशेषज्ञों का पहले से ही मानना था कि रिजर्व बैंक अपनी प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा और महंगाई दर पर अपना फोकस बनाए रखेगा। इसकी वजह यह है कि तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और फेडरल रिजर्व की सख्ती से रुपये पर दबाव बढ़ रहा है।

बता दें कि हाल ही में खाद्य कीमतों में कमी के कारण कुछ मंदी के बावजूद महंगाई दर केंद्रीय बैंक के टॉरगेट रेंज 4% से काफी ऊपर बनी हुई है। इस बीच, आज RBI गवर्नर ने नतीजे जारी करते हुए कहा, ‘सितंबर में महंगाई दर कुछ नरम रहेगी। मजबूत मांग से घरेलू अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है।’

5.4 प्रतिशत रहेगी खुदरा महंगाई दर, रसोई गैस और सब्जियों के घटेंगे दाम

RBI MPC बैठक के निर्णय की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का अनुमान, 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहेगी। दूसरी तिमाही में इसके 6.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में भी चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था। गवर्वर दास ने कहा, ‘अगले साल यानी 2024-25 में महंगाई दर के 5.23 प्रतिशत पर आने की उम्मीद है।’

गवर्नर दास ने कहा कि सब्जियों की कीमत कम होने और रसोई गैस सिलेंडर के दाम में घटने से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति में नरमी आएगी। तीसरी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में निरंतर कमी देखने को नहीं मिलेगी। गौरतलब है कि नतीजे जारी होने से पहले भी अर्थशास्त्रियों को उम्मीद थी कि साल के अंत तक महंगाई धीरे-धीरे कम हो जाएगी, हालांकि यह आरबीआई के लक्ष्य के टॉरगेट पॉइंट से ऊपर रहेगी।

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दास ने कहा, ‘खाद्य और ईंधन की कीमतों में अचानक वृद्धि से निपटने के लिए मौद्रिक नीति पूरी तरह तैयार होनी चाहिए।’ हाल ही में खाद्य कीमतों में कमी के कारण कुछ मंदी के बावजूद महंगाई दर केंद्रीय बैंक के टॉरगेट रेंज 4% से काफी ऊपर बनी हुई है।

First Published - October 6, 2023 | 11:13 AM IST

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