मौद्रिक नीति समिति के बाहरी सदस्य जयंत वर्मा का कहना है कि मौद्रिक नीति को रियल रीपो दर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि नॉमिनल रीपो दर पर। मनोजित साहा के साथ ई-मेल पर साक्षात्कार के प्रमुख अंश…
क्या आपको लगता है कि वृद्धि अभी भी अस्थिर है? क्या 6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान सही है?
अगर सब कुछ ठीक रहता है तो हम अनुमानित वृद्धि दर से ऊपर भी जा सकते हैं। लेकिन तमाम चीजें हैं, जो गलत जा सकती हैं। मेरे विचार से समिति को इसे लेकर सावधान रहने की जरूरत है। मैं अभी भी सोचता हूं की वृद्धि अस्थिर है। सबसे बड़ी चिंता निश्चित रूप से प्रतिकूल वैश्विक अर्थव्यवस्था और भूराजनीतिक वातावरण को लेकर है। हमारी खुली अर्थव्यवस्था है और इन वैश्विक वजहों का आर्थिक वृद्धि पर असर होगा।
दूसरा मसला यह है कि सरकार राजकोषीय घाटे में कमी की सही दिशा पकड़ी है और राजकोषीय प्रोत्साहन जीडीपी के करीब 0.5 प्रतिशत के बराबर वापस ले लिया है। तीसरा, पिछले साल से दर में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है और इससे घरेलू मांग कम हो रही है।
आपको ऐसा क्यों लगता है कि महंगाई पर काबू पाने की मौद्रिक नीति समिति की घोषणा जल्दबाजी है?
सकारात्मक बदलावों या परिणामों का श्रेय लेना और नकारात्मक घटनाओं के लिए बाहरी वजहों को दोषी ठहराना लगभग सार्वभौमिक है। मौद्रिक नीति समिति यह नहीं कहती कि महंगाई दर उसकी मौद्रिक नीति के कारण 7 प्रतिशत से ऊपर चली गई, लेकिन अनुकूल आंकड़े आने पर वह अपनी उपलब्धि बताकर खुश है।
क्या यह जरूरी है कि महंगाई दर घटकर 4 प्रतिशत के आसपास बनी रहे, तभी रीपो दर में कटौती की जानी चाहिए, भले ही रियल रीपो दर 1 प्रतिशत से ऊपर बनी रहती है?
आपका सवाल सटीक है। मौद्रिक नीति में रियल रीपो दर पर ध्यान होना चाहिए न कि नॉमिनल रीपो दर पर। इसे वांछित रियल दर के साथ तालमेल बिठाना होगा। मुझे लगता है कि जब तक महंगाई दर गिरकर 4 प्रतिशत के नजदीक नहीं आ जाती, रियल रीपो दर 1 से 1.5 प्रतिशत के बीच रखी जानी चाहिए।
किन परिस्थितियों में लगता है कि रीपो दर में कमी शुरू हो सकती है?
मैं उम्मीद करता हूं कि रियल रीपो दर बढ़ी अवधि तक बढ़े हुए स्तर पर बनी रहेगी। उसके बाद नॉमिनल रीपो दर को महंगाई दर पर नजर रखनी चाहिए, जो नीचे जा रही है।
आपने ऐसा क्यों कहा कि मौद्रिक नीति इस समय उस खतरनाक स्तर पर है, जब वह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है?
मैंने पहले ही कहा है कि मेरे विचार से मौजूदा परिस्थितियों में रियल रीपो दर 1 से 1.5 प्रतिशत के बीच रखा जाना चाहिए।