facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

GST रेट में हो रही बड़े बदलाव की तैयारी, मौजूदा 4 से घटाकर 3 स्लैब की बनाई जा सकती है व्यवस्था

मौजूदा दर ढांचे में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी की मानक दरें और 28 फीसदी की अधिकतम दर शामिल है। इसके अलावा इसमें कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए शून्य और विशेष दरें भी हैं।

Last Updated- May 28, 2024 | 10:15 PM IST
SBI report on GST Rate Cuts

GST Stabs: चालू वित्त वर्ष के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में व्यापक बदलाव दिख सकता है। इसके तहत जीएसटी ढांचे को मौजूदा चार स्लैब से घटाकर तीन स्लैब वाले ढांचे में बदला जा सकता है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि जीएसटी परिषद के तहत केंद्र एवं राज्यों के अधिकारियों वाली फिटमेंट कमेटी ने राजस्व तटस्थ ढांचा तैयार करने के लिए जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया पर नए सिरे काम शुरू कर दिया है। इसमें कुछ दरों और विशेष तौर पर 12 फीसदी दर को हटाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

मौजूदा दर ढांचे में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी की मानक दरें और 28 फीसदी की अधिकतम दर शामिल है। इसके अलावा इसमें कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए शून्य और विशेष दरें भी हैं।

फिटमेंट कमेटी ने इस मुद्दे पर बैठक करना शुरू कर दिया है। समिति कर की दरों और उसमें संभावित सुधार के लिए इनपुट तैयार कर रही है। इसे जीएसटी दरों में बदलाव का सुझाव देने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रियों के समूह के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

राजस्व विभाग ने उम्मीद जताई है कि जीएसटी की संशो​धित दरें चालू वित्त वर्ष में ही लागू हो जाएंगी। अधिकारी ने कहा, ‘दरों को तर्कसंगत बनाना पहली प्राथमिकता है क्योंकि कुछ कमियों को दूर करने के लिए मौजूदा कर ढांचे को उपयुक्त बनाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि जुलाई में बजट के बाद परिषद की बैठक होने की उम्मीद है। उसमें दरों में बदलाव की रूपरेखा पर चर्चा हो सकती है।

यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब जीएसटी संग्रह अप्रैल में 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया था। साल के दौरान मासिक जीएसटी संग्रह 1.7 से 1.8 लाख करोड़ रुपये रहने उम्मीद है।

इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘दरों को तर्कसंगत बनाए जाने से सभी स्लैब में चीजें बदल सकती हैं। इसलिए इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।’

दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए राज्यों के मं​त्रियों के सात सदस्यीय समिति का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना कर रहे हैं। इस समिति में गोवा, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार के वित्त मंत्री शामिल हैं।

First Published - May 28, 2024 | 10:15 PM IST

संबंधित पोस्ट